बिहार की राजनीति के अनुभवी नेता शिवानंद तिवारी ने 10 दिसंबर को लिखा हुआ एक बेहद भावुक और सियासी तौर पर महत्वपूर्ण पत्र साझा किया। इस Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics में उनके निजी जीवन, परिवार, नातिन के विवाह, जन्मदिन की स्मृतियों से लेकर बिहार की राजनीति और तेजस्वी यादव के भविष्य तक—सबकुछ सादगी, अनुभव और कड़वी सच्चाइयों के साथ दर्ज है।
यह पत्र पढ़ने वालों को एक दादा की भावनाओं के साथ-साथ एक वरिष्ठ नेता की गहरी राजनीतिक समझ का वास्तविक मिश्रण दिखाता है।
- Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: 9 दिसंबर—जन्मदिन और नातिन के विवाह की दोहरी खुशी
- Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: तेजस्वी को बधाई, दूरी के बावजूद संबंधों की गर्माहट
- Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: सत्ता, पराजय और विनम्रता पर गहरी सीख
- Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: तेजस्वी को मिला नेतृत्व और जिम्मेदारी
- Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: संगठन, टिकट वितरण और कमजोर वर्ग पर सवाल
- Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: ग़लत सलाहकार और ग़लत फैसलों की चर्चा
- Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: सबसे मजबूत सलाह—वापस मैदान में आओ
Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: 9 दिसंबर—जन्मदिन और नातिन के विवाह की दोहरी खुशी
शुरुआत में शिवानंद तिवारी अपने निजी अनुभव साझा करते हैं। उनका जन्मदिन 9 दिसंबर को पड़ता है और संयोग से उसी दिन उनकी नातिन शाएबा का विवाह भी हुआ।
वे लिखते हैं कि—
• नातिन का विवाह कर्नाटक के एक युवक से हुआ।
• दोनों जर्मनी में पढ़ते समय दोस्त बने।
• लड़का किस बिरादरी का है, यह जानने की जरूरत ही नहीं पड़ी—क्योंकि वह इंसानियत और व्यवहार में बेहद अच्छा है।
वे बताते हैं कि 9 दिसंबर 2021 को जब नातिन का विवाह था, उसी दिन तेजस्वी यादव का भी विवाह हुआ था। उस दिन उन्होंने तेजस्वी को फ़ोन पर बधाई भी दी थी।
यही भावनात्मक पारिवारिक स्मृति इस पूरे Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics को एक अनोखी आत्मीयता प्रदान करती है।
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Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: तेजस्वी को बधाई, दूरी के बावजूद संबंधों की गर्माहट

हालाँकि पिछले कुछ समय से उनका लालू परिवार से संबंध थोड़ा कम रहा है, फिर भी उन्होंने तेजस्वी को बधाई भेजी।
तेजस्वी ने ‘🙏’ इमोजी भेजकर जवाब दिया—और यह उनके बीच अब भी मौजूद सम्मान को दर्शाता है।
Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: सत्ता, पराजय और विनम्रता पर गहरी सीख
पत्र का सबसे मजबूत और अर्थपूर्ण हिस्सा राजनीति और नेतृत्व पर शिवानंद तिवारी के विचार हैं।
वे बताते हैं:
विजय से अहंकार नहीं आना चाहिए
अगर विजेता पक्ष अहंकार दिखाता है या हारने वालों को छोटा करता है, तो अपनी ही भविष्य की हार लिख देता है।
हारने वालों की जिम्मेदारी ज्यादा होती है
पराजय के बाद अपने समर्थकों का मनोबल बनाए रखना—यही असली नेतृत्व है।
अगर नेता मैदान छोड़ दे, तो वह भविष्य से खुद को बाहर कर लेता है।
Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: तेजस्वी को मिला नेतृत्व और जिम्मेदारी
शिवानंद तिवारी स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि—
• RJD की कमान आज पूरी तरह तेजस्वी यादव के हाथ में है।
• चुनाव में महागठबंधन अगर जीतता, तो मुख्यमंत्री वे ही होते।
• लेकिन हार के बाद तेजस्वी ग़ायब हो गए—जो नेतृत्व की दृष्टि से गलत था।
वे याद दिलाते हैं कि उन्होंने तेजस्वी को पहले ही कहा था कि—
“तुम्हारे पिताजी तुम्हारे लायक़ गुरु नहीं हो सकते। उन्हें मंडल आंदोलन के बाद जिस तरह का ‘न भूतो न भविष्यति’ जनादेश मिला था, वह दोबारा इतिहास में दुर्लभ है। लेकिन उसी महान समर्थन को संभालने में वे असफल रहे।”
यह टिप्पणी इस Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics में सबसे प्रभावशाली राजनीतिक संदेशों में से एक है।
Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: संगठन, टिकट वितरण और कमजोर वर्ग पर सवाल
वे तेजस्वी से पूछते हैं—
• क्या आपकी पार्टी विधान परिषद, राज्यसभा और लोकसभा की सूचियों में कमजोर वर्ग का प्रतिनिधित्व दिखाती है?
• क्या सिद्धांतों की घोषणा के बीच टिकट वितरण में समानता दिखाई देती है?
• अगर कमजोर तबके को जगह नहीं, तो समर्थन की अपेक्षा कैसे?
यह सवाल RJD और पूरे विपक्ष के लिए गहरे राजनीतिक संकेत छोड़ता है।
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Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: ग़लत सलाहकार और ग़लत फैसलों की चर्चा
शिवानंद तिवारी बिना नाम छिपाए कहते हैं—
• संजय यादव और जगतानंद सिंह ने तेजस्वी की आँखों पर पट्टी बाँध रखी थी।
• वे नेताओं की तरह नहीं, ‘साहब’ की तरह व्यवहार करते थे।
• कार्यकर्ता उनसे भय खाते थे, सम्मान नहीं करते थे।
• तेजस्वी को पसंद आने वाली बातें ही उन्हें सुनाई जाती थीं।
इस हिस्से में उनकी अनुभवी राजनीतिक दृष्टि बहुत साफ़ झलकती है।
Shivanand Letter to Tejashwi Yadav Bihar Politics: सबसे मजबूत सलाह—वापस मैदान में आओ
पत्र के अंत में शिवानंद तिवारी तेजस्वी को प्रेरक सलाह देते हैं—
• मैदान न छोड़ें
• बिहार में घूमें
• नेता नहीं, कार्यकर्ता की तरह लोगों से मिलें
• समय किसी का इंतजार नहीं करता
यह पत्र एक बुजुर्ग शुभचिंतक की सर्वोत्तम सीख है।
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