बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर लोजपा (रामविलास) ने अपनी उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 14 प्रमुख उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिन्हें चिराग पासवान और उनके पार्टी नेतृत्व ने व्यक्तिगत रूप से चुनावी सिंबल प्रदान किए हैं। इस बार लोजपा ने अपने उम्मीदवारों में अनुभव और युवा ऊर्जा का अनोखा मिश्रण रखा है, जिससे पार्टी का चुनावी पारा ऊँचा हुआ है।
लोजपा की नई सूची में प्रमुख नाम और सीटें

लोजपा ने बिहार में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए उम्मीदवारों का चयन बहुत सोच-समझकर किया है। 14 प्रमुख उम्मीदवारों की सूची इस प्रकार है:
क्र.सं. विधानसभा संख्या एवं जिला उम्मीदवार का नाम
1 पूर्वी चम्पारण, गोविंदगंज श्री राजू तिवारी
2 सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर श्री संजय कुमार सिंह
3 सिवान, दरौली (अनु. जाति) श्री विष्णु देव पासवान
4 सारण, गरखा (अनु.जाति) श्री सीमांत मृणाल
5 बेगूसराय, साहेबपुर कमाल श्री सुरेन्द्र कुमार
6 बेगूसराय, बखरी (अनु.जाति) श्री संजय कुमार
7 खगड़िया, परबत्ता श्री बाबुलाल शौर्य
8 भागलपुर, नाथनगर श्री मिथुन कुमार
9 पटना, पालीगंज श्री सुनील कुमार
10 बक्सर, ब्रह्मपुर श्री हुलास पांडे
11 रोहतास, डेहरी श्री राजीव रंजन सिंह
12 कटिहार, बलरामपुर श्रीमती संगीता देवी
13 जहानाबाद, मखदुमपुर श्रीमती रानी कुमारी
14 औरंगाबाद, ओबरा श्री प्रकाश चन्द्र
इस सूची में शामिल अधिकांश उम्मीदवार अनुभवी और सियासी रूप से मजबूत हैं। वहीं, कुछ युवा चेहरे जैसे सीमांत मृणाल और मिथुन कुमार नए राजनीतिक रंग भरने के लिए तैयार हैं।
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सीटों का रणनीतिक महत्व
लोजपा ने इस बार सिंबल देने में रणनीति का भरपूर ध्यान रखा है। गोविंदगंज, सिमरी बख्तियारपुर और बेगूसराय जैसी सीटों पर उम्मीदवारों का चयन इस बात का संकेत है कि पार्टी जनता के बीच अपनी पैठ बढ़ाने पर केंद्रित है।
विशेष रूप से, सिवान और सारण की सीटों पर उम्मीदवारों को अनुसूचित जाति श्रेणी में रखा गया है, जो चुनावी दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। यह रणनीति दिखाती है कि लोजपा सभी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए चुनाव लड़ने को तैयार है।
पार्टी की ताकत और चुनावी तैयारी
चिराग पासवान ने कहा है कि लोजपा बिहार में अपने पुराने और भरोसेमंद नेतृत्व के दम पर मजबूत चुनावी लड़ाई देने जा रही है। उन्होंने उम्मीदवारों को सिंबल प्रदान करने के साथ-साथ चुनावी रणनीति भी साझा की।
लोजपा ने केवल नामों का चयन नहीं किया, बल्कि जनता के बीच उनकी पहुंच और लोकप्रियता का भी गहन विश्लेषण किया है। यह कदम पार्टी की राजनीतिक समझ और चुनावी तैयारी की गवाही देता है।
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गठबंधन पर असर और आगामी मुकाबला
हालांकि लोजपा अकेले चुनाव नहीं लड़ रही है, यह महागठबंधन और NDA के समीकरणों में नया राजनीतिक दबाव बनाने जा रही है। पार्टी के रणनीतिक चयन से महागठबंधन के अन्य दलों की सीट मांग और तालमेल प्रभावित हो सकते हैं।
विशेष रूप से, लोजपा के युवा उम्मीदवार गठबंधन में नया दम भर सकते हैं और पुराने मुकाबले में चुनावी जादूगर की तरह भूमिका निभा सकते हैं।
लोजपा की इस 14 उम्मीदवारों वाली सूची से स्पष्ट है कि पार्टी केंद्रीय नेतृत्व और चिराग पासवान की रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है। उम्मीदवारों का चयन क्षेत्रीय संतुलन और जातिगत समीकरणों के आधार पर किया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए लोजपा की यह सूची जनता के बीच पार्टी की लोकप्रियता बढ़ाने और गठबंधन में अपनी भूमिका मजबूत करने का महत्वपूर्ण हथियार साबित हो सकती है।
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