मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को गोलीबारी में शांत करने वाले सोनू को कोर्ट से जमान मिल गई है। बता दें कि जनवरी महीने में सोनू के मोकामा प्रखंड के पचमहला थाना क्षेत्र स्थित नौरंगा गांव में अनंत सिंह ने गांव में घुसकर गोली चलाई थी। इसके बाद सोनू और उसके भाई मोनू ने जवाबी कार्रवाई में अनंत सिंह को औकात बता दी थी।गोलीबारी की घटना के दो दिन बाद सोनू को पचमहला थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
वहीं इसी मामले में अनंत सिंह भी बाढ़ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। वो अभी पटना के बेउर जेल में बंद हैं। 22 जनवरी को हुई इस घटना में 70 राउंड गोली चलने की बातें सामने आई थी। मोकामा के नौरंगा में हुई फायरिंग की घटना को लेकर कहा गया था कि सोनू-मोनू का ईंट-भट्टा का कारोबार है। इसका मैनेजर हेमजा गांव का मुकेश है।
सोनू-मोनू ने मुकेश पर आरोप लगाया कि उसने 65 लाख रुपये का गबन कर लिया है. इसके बाद सोनू-मोनू ने मुकेश के घर में ताला लगा दिया. मुकेश ने इसकी शिकायत अनंत सिंह से की. अनंत ने पहले सोनू-मोनू से बात की, लेकिन इसके बाद भी ताला नहीं खोला. बाद में मुकेश ने पुलिस से शिकायत की और पुलिस ने ताला खुलवाने का अनुरोध किया।
इस बीच अनंत व उनके समर्थक 10 गाड़ियों से सोनू-मोनू के घर पहुंच गये। और दोनों ओर से फायरिंग शुरू हो गयी। इसके बाद वहां से अनंत समर्थकों को लेकर छह किलोमीटर दूर हाथीदह चले गये। इसमें करीब 70 राउंड तक गोली चलने की बातें आई थी. हालांकि पुलिस को केवल 3 खोखा ही मिला था. वहीं घटना में अनंत सिंह के एक आदमी को गोली लगी थी जिसकी शिकायत बाद में पुलिस से की गई थी।
अनंत सिंह और सोनू मोनू गिरोह के बीच हुई गोलीबारी की इस घटना ने राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी. पूरे देश में बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे कि दोनों पक्षों के द्वारा गोलीबारी के बाद मीडिया में बयान दिया जा रहा है लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। अंततः 24 जनवरी को पहले सोनू की गिरफ्तारी हुई, वहीं अगले कुछ घंटों में उसी दिन अनंत सिंह ने बाढ़ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था।
गिरफ्तारी के बाद सोनू को पहले पटना के जेल में रखा गया। वहीं बाद में उसे भागलपुर जेल में शिफ्ट किया गया. सोनू फ़िलहाल उसी जेल में बंद है. वहीं अनंत सिंह भी पटना के बेउर जेल में बंद हैं। उनके जमानत को लेकर भी जल्द ही सुनवाई होने वाली है।
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