सुपौल, संवाददाता
नेपाल में बिगड़े हालात का असर भारत-नेपाल सीमा पर भी दिखने लगा है। सुपौल के भीम नगर बॉर्डर पर तैनात एसएसबी जवान अलर्ट मोड पर हैं और चौकसी बढ़ा दी गई है। हालांकि सीमा पार आवाजाही बंद नहीं है, लेकिन कड़ी जांच के बाद ही लोगों और वाहनों को अनुमति दी जा रही है।
नेपाल के सप्तरी से मिली जानकारी के अनुसार, महेंद्र राजमार्ग पर जगह-जगह आगजनी हो रही है। सीडीओ और एसपी कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई है। स्कूल-कॉलेज और बाजार पूरी तरह बंद हैं। वहीं सीमावर्ती भारतीय बाजारों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। नेपाली नागरिकों की आवाजाही थमने से स्थानीय दुकानदारों पर असर पड़ा है। नेपाल में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
उधर, नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ मंगलवार को राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में युवा सड़कों पर उतर आए। संसद भवन का घेराव करते हुए प्रदर्शनकारियों ने सरकार के फैसले का जोरदार विरोध किया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। गोलियों की चपेट में आने से लगभग 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर 20 से 30 साल आयु वर्ग के युवा शामिल थे। उनका कहना है कि सोशल मीडिया संवाद और अभिव्यक्ति का सबसे बड़ा साधन है और इस पर प्रतिबंध लगाना युवाओं की आज़ादी पर सीधा हमला है।
हालात हिंसक होते देख सरकार ने काठमांडू समेत कई प्रमुख शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं। राजधानी की सड़कों पर सुरक्षा बलों का भारी जमावड़ा है। दरअसल, नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।
नेपाल में हिंसा को लेकर सीमा पर एसएसबी जवान सख्त सुपौल में भारत-नेपाल बॉर्डर पर स्थिति सामान्य, सघन जांच के बाद एंट्री
