पटनाः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई चल रही है। ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत पर हाई कोर्ट से लगी अंतरिम रोक के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। लेकिन कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली थी। इसका मतलब है कि अरविंद केजरीवाल को अभी कुछ और दिन जेल में ही रहना पड़ेगा। हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद आप पार्टी के कार्यकर्ताओं को मायूसी हाथ लगी है।
दो जजों की बेंच कर रही सुनवाई
इस मामले में जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही है। अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्रायल कोर्ट फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे अभूतपूर्व करार दिया। सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने पहले स्टे दे दिया और फिर बाद में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आदेश एक दो दिन में आ जाएगा। बता दें कि अरविंद केजरीवाल जेल के अंदर से ही दिल्ली की सरकार को चला रहे हैं, जिसको लेकर राजनीतिक रुप से काफी आलोचना भी हो रही हैष खासकर भाजपा इससे राजनीतिक लाभ लेने की भरपूर कोशिश कर रही है।
जमानत देने की अपील की गई
इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल उठाया कि क्या बेल को सूचीबद्ध करते समय ही स्टे किया जा सकता है। ईडी (ED) की तरफ से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने भी कहा कि फैसला कल तक आ जाएगा। सिंघवी ने कहा कि सुबह 10:30 बजे हाई कोर्ट ने बिना किसी कारण स्टे लगा दिया और बाद में दलीलें सुनीं गईं। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि जमानत मिल जाने के बाद इसे इतनी आसानी से पलटा नहीं जा सकता है।’ केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि उनकी कोई आफराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और देश छोड़कर भागने का जोखिम नहीं है। जांच 2022 से चल रही है और गिरफ्तारी की वैधता को इस अदालत में चुनौती दी जा चुकी है।
राउज एवेन्यू कोर्ट दे चुकी है बेल
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को राहत देते हुए नियमित जमानत दे दी थी। पीठ ने कहा था कि ईडी के पास केजरीवाल के खिलाफ कोई सीधे सबूत नहीं हैं। अदालत ने केजरीवाल को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। वहीं 21 जून को रिहाई से ठीक पहले ईडी ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। ईडी ने कहा था कि हमें दलील रखने का पूरा समय नहीं मिला। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया, लेकिन केजरीवाल को मिली जमानत पर अंतरिम रोक लगा दी। वहीं अब पीठ ने कहा, वह आदेश सुरक्षित रख रहा है, क्योंकि वह पूरे मामले के रिकॉर्ड को देखना चाहते हैं।
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