बिहार विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री कर अपनी सदस्यता गवां चुके राजद के पूर्व एमएलसी सुनील सिंह की याचिका पर 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सदस्यता रद्द होने के बाद सुनील सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब अगली सुनवाई 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट करेगा। सुनील सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि चुनाव आयोग यह सब नहीं कर सकता है।
सुनवाई के दौरान जब सुनील सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोई मामला जब लंबित हो तो चुनाव नहीं कराया जा सकता है, जिसपर वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि सुनील सिंह ने नीतीश कुमार का एक कैरिकेचर भी बनाया था। इसपर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि राजनीति में हास्य इसी तरह काम करता है। इसके बाद सिंघवी ने कहा कि आजादी में कुछ छूट है और सदन में रहते हुए अभिव्यक्ति की आजादी होती है।
बता दें कि राजद परिवार के करीबी विधान पार्षद सुनील सिंह ने पिछले सत्र में सदन के अंदर सीएम नीतीश कुमार का अंदाज कॉपी करते हुए मिमिक्री की थी। लालू के करीबी सुनील सिंह के साथ साथ राजद के एक और एमएलसी कारी सोहैब ने भी इसी तरह का बर्ताव किया था। राजद के दोनों एमएलसी के खिलाफ मामला विधान परिषद की अचार समिति के पास भेजा गया था।
इसके बाद समिति के सामने राजद एमएससी कारी सोहैब ने अपनी गलती स्वीकार की थी, लेकिन सुनील कुमार सिंह ने गलती नहीं मानी थी। समिति ने जांच करने के बाद अपनी फाइनल रिपोर्ट सभापति को भेज दी थी। सभापति ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अशोभनीय व्यवहार करने और उनकी नकल उतारने के आरोप में सुनील सिंह की विधान परिषद की सदस्यता को रद्द कर दिया था।
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