बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, सियासी गलियारों में हलचल तेज़ हो चुकी है। अब लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल (JJD) के प्रमुख तेज प्रताप यादव ने भी महुआ विधानसभा सीट से चुनावी रण में उतरने का ऐलान कर दिया है। गुरुवार को तेज प्रताप ने अपना नामांकन दाखिल किया, लेकिन इस मौके पर जो सबसे खास दृश्य देखने को मिला, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
तेज प्रताप यादव अपने माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के साथ नहीं, बल्कि अपनी दादी मरछिया देवी की तस्वीर लेकर नामांकन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा — “ये मेरी दादी हैं, ये मेरे साथ हैं। मां मरछिया को मैं अपने साथ लेकर जा रहा हूं।”
दादी की तस्वीर के साथ नामांकन, बोले – दादी और गुरु का आशीर्वाद मेरे साथ है
नामांकन दाखिल करने से पहले तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा — “अगर आपके पास माता-पिता और दादी का आशीर्वाद है तो कोई चुनौती बड़ी नहीं होती। मेरे गुरु भी वृंदावन से मेरे साथ आए हैं। महुआ की जनता मुझे बुला रही है, अब समय आ गया है कि सेवा का नया अध्याय शुरू किया जाए।”
तेज प्रताप ने अपने नामांकन के साथ यह स्पष्ट संदेश दिया कि वे अपनी अलग राजनीतिक राह पर चल पड़े हैं और इस बार का चुनाव उनके लिए “आस्था, परिवार और संघर्ष” की त्रयी का प्रतीक होगा।
बहन रोहिणी आचार्य ने दी शुभकामनाएं, लिखा भावनात्मक संदेश

तेज प्रताप के नामांकन पर उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने X (Twitter) पर एक भावनात्मक संदेश लिखा —
“तुम्हें दुनिया की सारी सफलता और खुशियां मिलें और तुम हमेशा उजाले की तरह आगे बढ़ते रहो भाई, ढेरों शुभकामनाएं, स्नेह व आशीर्वाद।”
रोहिणी ने इससे पहले अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के नामांकन के वक्त भी ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था
“रुख हवा ने बदल लिया, बिहार ने फैसला कर लिया, बदलाव कर दिखाएंगे, तेजस्वी की अगुवाई में नया बिहार बनाएंगे।”
दोनों ट्वीट यह संकेत देते हैं कि परिवार भले राजनीतिक रूप से अलग राह पर हो, लेकिन भावनात्मक रिश्ता अब भी उतना ही मजबूत है।
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बिहार चुनाव 2025 का चुनावी समीकरण और महुआ सीट का महत्व
चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान होना है —
• पहला चरण: 6 नवंबर (121 सीटें)
• दूसरा चरण: 11 नवंबर (122 सीटें)
वहीं गिनती 14 नवंबर को होगी।
महुआ विधानसभा सीट पर तेज प्रताप का उतरना राजनीतिक तौर पर बेहद अहम माना जा रहा है। तेज प्रताप 2015 में महुआ से विधायक रह चुके हैं और 2020 में उन्होंने हसनपुर से चुनाव लड़ा था। इस बार फिर से महुआ लौटकर उन्होंने यह संदेश दिया है कि वे “जनता से सीधा संवाद” बनाना चाहते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप यादव का यह कदम लालू परिवार की राजनीति में नई परिभाषा जोड़ सकता है।
जनशक्ति जनता दल के गठन और तेज प्रताप की नई राह
तेज प्रताप यादव ने कुछ महीने पहले ही जनशक्ति जनता दल (JJD) नाम से नई पार्टी बनाई थी। इस पार्टी का उद्देश्य, उनके अनुसार, “जनता को सच्ची शक्ति देना और भ्रष्टाचार-मुक्त राजनीति की दिशा में आगे बढ़ना” है।
JJD के सूत्रों के अनुसार, तेज प्रताप यादव महुआ के अलावा वैशाली, सारण और समस्तीपुर जैसे जिलों में भी अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। वे युवाओं, किसानों और बेरोजगारी के मुद्दे को अपने एजेंडे के केंद्र में रख रहे हैं।
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चुनावी जंग में परिवार की भूमिका और जनता की नजरें
तेज प्रताप यादव के नामांकन से यह साफ हो गया है कि बिहार का यह चुनाव केवल राजनीतिक नहीं बल्कि भावनात्मक जंग भी है। जहां एक ओर लालू परिवार के दो बेटे अलग-अलग मंचों से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं जनता की नजर दोनों भाइयों पर है कि कौन जनता के दिल में जगह बना पाता है।
महुआ में तेज प्रताप की लोकप्रियता और उनकी धार्मिक छवि, इस बार उनके लिए बड़ी पूंजी साबित हो सकती है।
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