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कृषि बिल को लेकर तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब किसान अपने जिले में ही अनाज बेच नहीं पा रहे हैं दूसरे शहरों की क्या बात की जाए. इतना ही नहीं तेजस्वी ने यह भी कहा कि अन्नदाता को फंडदाताओं की कठपुतली बनाया जा रहा है. इसके विरोध में कई राज्यों में आंदोलन चल रहा है. बिहार में 75 प्रतिशत किसान है. यह मान चुके हैं कि ये केंद्र सरकार पूंजीपतियों की सरकार है.

तेजस्वी ने कहा कि बिहार में किसानों का बुरा हाल है. बिहार में मक्का का एमएसपी 1850 है, लेकिन किसानों को 1100 रुपए प्रति क्विंटल बेचना पड़ता है. इससे किसानों को नुकसान होता है. बिल में बताया गया है कि बड़े कारोबारी किसानों से खरीदेंगे. लेकिन किसान कैसे मोलभाव करेंगे वह तो सामर्थ्य नहीं है.

तेजस्वी यादव ने गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस पर कहा कि एक व्यक्ति विशेष के विषय पर चर्चा करना समय की बर्बादी है. कोई एक बार VRS ले, कोई चार्जशीटेड हो तो मुझे क्या कहना है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के बेरोजगारों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी बेरोजगारी का मजाक उड़ा रहे हैं. कहते हैं कि बिहारी मौज मस्ती करने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं. ऐसे बयानों से आप समझ सकते हैं कि सरकार कितनी गंभीर हैं. लेकिन हम तो बेरोजगार मजदूर और किसानों के लिए लड़ते रहेगे. मद्दे से भटकने वाले को हम खिंचकर मुद्दे पर लाएंगे.

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