पटना डेस्कः बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ने वाली है। जहां उनकी विधायकी पर ही खतरा मंडराने लगा है। दरअसल गुजरातियों के खिलाफ तेजस्वी यादव ने एक विवादित बयानबाजी कर दी थी जिसको लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज करवाया था और अब अहमदाबाद के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में सुनवाई होनी है। तेजस्वी के विरोध में गुजरात के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने केस दर्ज कराया था। कोर्ट ने परिवादी की गुहार को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 1 मई की तारीख तय की थी। जिसके बाद अब आज इस ममाले में सुनवाई होनी है।
बता दें कि बिहार विधानमंडल सत्र के दौरान मिडिया के सवालों का जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था कि, सभी गुजराती ठग होते हैं। तेजस्वी यादव ने कहा था कि, वर्तमान के हालात को देखा जाए तो सिर्फ गुजराती में ठग हो सकते हैं। उनकी ठगी को माफ कर दिया जाएगा। तेजस्वी के इस बयान से आहत होकर गुजरात के व्यापारी सामाजिक कार्यकर्ता हरेश मेहता ने उनपर केस दर्ज कराया था। जिसके बाद पिछले महीने उनके खिलाफ अहमदाबाद में केस दर्ज करवाया गया था।
वहीं, अहमदाबाद कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर आज सबकी नजरें टिकी हुई हैं। सुनवाई से तेजस्वी यादव के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा असर पड़ सकता है। 26 अप्रैल को अमदाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता और कारोबारी हरेश मेहता ने तेजस्वी यादव के खिलाफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया था। इंतजार किया जा रहा है कि कोर्ट इसमें क्या एक्शन लेती है।
मालूम हो कि, इससे पहले इसी तरह के के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कठिन स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। 2019 में चुनावी सभा के दौरान कर्नाटक में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि सारे मोदी चोर क्यों होते हैं। इस मामले में केस दर्ज होने पर और गांधी को 2 साल की सजा हो गई और उन्हें लोकसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा। सदस्यता खत्म होने के बाद राहुल गांधी को सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा। इसके बाद अब इसी तरह के एक मामला बिहार के उपमुख्यमंत्री पर भी दर्ज किया गया है।
आपको बताते चलें कि, कोर्ट में तेजस्वी यादव के खिलाफ सुनवाई को लेकर बिहार में सियासी हलचल की स्थिति है। सभी दलों की नजर कोर्ट के एक्शन पर है। खासकर राहुल गांधी के मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद तेजस्वी के समर्थक और विरोधी सबकी नजर इस पर बनी हुई है।