लालू परिवार एक बार फिर सुर्खियों में, तेजप्रताप यादव के बयान से घिरा राजद ! मर जाऊंगा पर राजद नहीं जाऊंगा।

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Bihar Election 2025 में तेज प्रताप यादव का धारदार बयान
Highlights
  • • तेज प्रताप यादव ने दिया सबसे तीखा बयान • RJD में वापसी से किया इनकार — “मरना मंजूर” • तेजस्वी यादव पर अप्रत्यक्ष वार, फिर भी आशीर्वाद की बात • महुआ में मेडिकल कॉलेज परियोजना बनी हथियार • RJD, NDA और JJD के बीच कड़ा मुकाबला

Bihar Election 2025 की रणनीतिक हलचल के बीच पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और जनशक्ति जनता दल (JJD) के सुप्रीमो तेज प्रताप यादव ने एक धमाकेदार और भावुक बयान देकर सियासत में हलचल मचा दी है। मीडिया इंटरव्यू के दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि —
“आरजेडी में वापस जाने से अच्छा है कि मैं मर जाऊं, लेकिन वहां लौटूंगा नहीं!”

यह बयान न सिर्फ तेज प्रताप यादव बड़ा बयान की वजह से चर्चा में है, बल्कि इसका राजनीतिक संदेश भी बेहद तीखा है। चुनावी मौसम में यह कथन सीधे-सीधे उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव पर निशाना माना जा रहा है, भले वो बार-बार रिश्तों को सहज बताने की कोशिश करते दिखे हों।

तेज प्रताप का आत्मसम्मान और सत्ता पर बयान

लालू परिवार एक बार फिर सुर्खियों में, तेजप्रताप यादव के बयान से घिरा राजद ! मर जाऊंगा पर राजद नहीं जाऊंगा। 1

इंटरव्यू के दौरान तेज प्रताप यादव ने कहा कि वे सत्ता के लालची नहीं हैं। उनके लिए सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोच्च है।
उन्होंने दो टूक कहा —
“मैं सत्ता का भूखा नहीं हूँ, जनता की सेवा ही मेरा कर्तव्य है।”

उनका दावा है कि जनता उन पर भरोसा करती है, इसलिए वे आज भी मजबूती से अपने पांव पर खड़े हैं और एकला चलो की राह चुन चुके हैं।

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तेजस्वी यादव पर कटाक्ष — सत्ता उसी को मिलती है जिसे आशीर्वाद मिले

तेजस्वी यादव पर सवाल पूछने पर तेज प्रताप ने कहा —
“वो मेरा छोटा भाई है, उसे आशीर्वाद देता हूँ। सत्ता उसी को मिलती है जिसे जनता का आशीर्वाद हो। मैं सुदर्शन चक्र नहीं चला सकता।”

ये बात साफ है कि दोनों भाइयों के रिश्तों की कड़वाहट अभी भी खत्म नहीं हुई है, भले वह सार्वजनिक रूप से नरम लहज़ा अपनाने की कोशिश कर रहे हों।

लालू–राबड़ी से दूरी और आशीर्वाद की बात

परिवार से संवाद पर सवाल किया गया तो तेज प्रताप ने कहा कि बात तो नहीं होती, लेकिन
“उनका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ है।”

यह बयान बताता है कि परिवारिक राजनीतिक संघर्ष अब भी जारी है, जिसका असर इस चुनाव में दिखना तय है।

महुआ सीट – तेज प्रताप का मुख्य रणक्षेत्र

तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।
2015 में उन्होंने इसी सीट से 43% वोट पाकर जीत दर्ज की थी।
उन्होंने बतौर स्वास्थ्य मंत्री सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का सपना दिया था —
20 एकड़ में फैला 462 करोड़ रुपये का विशाल प्रोजेक्ट, आंकड़ों में दमदार, पर चार साल से बंद दरवाजों के साथ निर्माणाधीन।

स्थानीय लोगों का कहना है —
“तेज प्रताप जो बोलते हैं वो करते हैं।”

इस दावे से साफ है कि वे इस परियोजना को इस बार चुनावी कार्ड की तरह पेश कर रहे हैं।

महुआ का चुनावी मुकाबला — तीन दावेदार, एक ताज

महुआ सीट पर इस बार तीन प्रमुख खिलाड़ी आमने-सामने हैं —


• तेज प्रताप यादव (JJD) — अपने जनाधार पर भरोसा
• मुकेश रौशन (RJD) — 2020 के विजेता, दांतों के डॉक्टर
• संजय कुमार सिंह (लोजपा-रालोद/एनडीए) — व्यवसायी और मजबूत चुनौतीकर्ता

तेज प्रताप यादव का दावा है कि —
“मैं अपनी साख बचाकर नहीं, बल्कि और मजबूत होकर निकलूंगा।”

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तेज प्रताप यादव बड़ा बयान क्यों बना सुर्खी?


• परिवार और पार्टी के खिलाफ खुलकर बोले
• RJD में वापसी से साफ इनकार
• आत्मसम्मान बनाम सत्ता की लड़ाई
• महुआ में विकास कार्ड पर चुनाव
• छोटे भाई तेजस्वी को अप्रत्यक्ष चुनौती

इस बयान ने बिहार की राजनीति का ताप बढ़ा दिया है, खासकर तब जब महागठबंधन तेजस्वी को सीएम फेस के तौर पर उतार रहा है।

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