पटना एयरपोर्ट पर 12 सेकंड की खामोशी — सियासी गलियारों में बढ़ी हलचल
Bihar Election 2025 के प्रचार के बीच मंगलवार का दिन बिहार की राजनीति के लिए बेहद दिलचस्प साबित हुआ।
पटना एयरपोर्ट पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे — तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव — आमने-सामने आ गए।
लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि दोनों के बीच एक शब्द तक की बातचीत नहीं हुई।
लगभग 12 सेकंड तक चली यह साइलेंट मुलाकात कैमरे में कैद हो गई और अब यह वीडियो सियासी गलियारों में चर्चा का सबसे गर्म विषय बन गया है।
यूट्यूबर के कैमरे में कैद हुई सियासी खामोशी
घटना मंगलवार दोपहर की है जब तेजप्रताप यादव, जो इन दिनों अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (आरएसजे) के प्रचार में जुटे हैं,
पटना एयरपोर्ट पहुंचे थे।
वे यूट्यूबर समदीश भाटिया को इंटरव्यू दे रहे थे और उसी दौरान वे एयरपोर्ट के ड्यूटी-फ्री जोन में स्थित FabIndia स्टोर में एक काली बंडी (पारंपरिक कुर्ता-जैसा वस्त्र) खरीद रहे थे।
इसी बीच एयरपोर्ट पर तेजस्वी यादव का काफिला भी आ पहुंचा।
तेजस्वी, जो महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर अपने हेलीकॉप्टर से चुनावी सभा के लिए रवाना हो रहे थे,
ने यूट्यूबर समदीश को देखा और मुस्कुराते हुए बोले —
“क्या शॉपिंग करा रहे हैं भइया?”
इस पर समदीश ने जवाब दिया —
“वो हमको गिफ्ट दे रहे हैं।”
तेजस्वी ने हंसते हुए कहा —
“आप बहुत लकी हैं।”
लेकिन इसी दौरान तेजप्रताप यादव बिल्कुल चुप और निर्विकार भाव में खड़े रहे।
न उन्होंने कोई प्रतिक्रिया दी, न अपने छोटे भाई को देखा, न मुस्कुराए।
यह 12 सेकंड की खामोशी ही वह क्षण था जिसने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी।
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साथ में थे मुकेश सहनी — बना ‘Perfect Political Frame’

इस दृश्य को और अधिक पॉलिटिकली चार्ज्ड बना दिया विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी की मौजूदगी ने।
तेजस्वी के साथ सहनी भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे, जो महागठबंधन के एक महत्वपूर्ण सहयोगी हैं।
इस वजह से कैमरे में कैद हुआ यह फ्रेम —
तेजस्वी, तेजप्रताप और मुकेश सहनी —
तीनों एक साथ — लेकिन राजनीतिक रूप से अलग-अलग दिशाओं में खड़े दिखाई दिए।
लालू परिवार में बढ़ती दूरियां अब कैमरे पर (H2)
यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब लालू परिवार के दोनों बेटों के बीच वैचारिक और राजनीतिक मतभेद पहले से ही जगजाहिर हैं।
तेजप्रताप यादव अब राजद से अलग होकर अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (आरएसजे) के बैनर तले चुनाव मैदान में हैं,
जबकि तेजस्वी यादव राजद और महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं।
तेजप्रताप यादव वैशाली जिले की महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं — वही सीट जिसने उन्हें 2015 में विधायक बनाया था।
लेकिन 2020 के चुनाव में उन्हें समस्तीपुर की हसनपुर सीट से टिकट दिया गया,
जिससे उनके समर्थकों में असंतोष बढ़ा और पार्टी में दूरी बढ़ती गई।
बाद में महुआ लौटने की घोषणा ने राजद के अंदर हलचल मचा दी और दोनों भाइयों के रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए।
“राजद में लौटने से अच्छा मौत को चुनना होगा” — तेजप्रताप का बयान
तेजप्रताप यादव और उनके पिता लालू प्रसाद यादव के बीच भी मतभेद कई बार सार्वजनिक हुए।
कुछ समय पहले तेजप्रताप ने सोशल मीडिया पर एक महिला से अपने 12 साल पुराने रिश्ते का दावा किया था,
जबकि उनका तलाक मामला अदालत में लंबित है।
उस बयान के बाद पार्टी के भीतर असहजता और बढ़ गई।
तेजप्रताप ने कुछ दिनों पहले कहा था —
“राजद में लौटने से अच्छा मौत को चुनना होगा।”
इस बयान ने यह साफ कर दिया था कि अब दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक सुलह की संभावना बेहद कम रह गई है।
चुनावी सीजन में पारिवारिक जंग का नया अध्याय
Bihar Election 2025 के इस दौर में लालू परिवार की खामोश टकराहट सियासत का नया अध्याय खोल रही है।
जहाँ तेजस्वी मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं, वहीं तेजप्रताप विरोध की नई धारा को हवा दे रहे हैं।
राजद के अंदरूनी मतभेद अब जनता के बीच भी चर्चा का केंद्र बन गए हैं।
एयरपोर्ट की यह मुलाकात, चाहे कितनी ही छोटी रही हो,
लेकिन इसने चुनावी हवा में भावनाओं, विरोध और मौन संघर्ष की गूंज तेज कर दी है।
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बिहार की सियासत में ‘साइलेंट पॉलिटिक्स’ का नया दौर
इस 12 सेकंड की साइलेंट मुलाकात ने बिहार की राजनीति में एक नया ट्रेंड स्थापित कर दिया है —
जहाँ अब शब्दों से ज़्यादा मौन भी बयान देने लगा है।
तेजप्रताप की चुप्पी और तेजस्वी की सहज मुस्कान —
दोनों ने बिहार की जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि
क्या यह राजनीतिक दूरी की स्थायी रेखा बन चुकी है?
या चुनाव के बाद किसी नई राजनीतिक पटकथा की भूमिका रच रही है?
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