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स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर गए राज्य के जूनियर डॉक्टरों का मौजूदा स्टाइपेंड आज से कटना शुरू हो जायेगा. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज पांचवा दिन है और सरकार से उनकी बातचीत बेनतीजा रही है. सरकार ने पहले ही घोषणा की थी कि अगर जूनियर डॉक्टर काम पर वापस नहीं लौटे तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

जूनियर डॉक्टरों को मिलने वाला स्टाइपेंड आज से घटना शुरू हो जाएगा साथ ही साथ जूनियर डॉक्टरों पर सरकार अब दंडात्मक कार्यवाही भी करेगी. जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग पर अड़े हुए हैं और सरकार से इस मामले पर लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं. बिहार में जूनियर डॉक्टरों को स्वास्थ्य व्यवस्था महत्वपूर्ण माना जाता है. ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवा तक जूनियर डॉक्टर बड़ी भूमिका निभाते हैं. साल 2017 के बाद स्टाइपेंड नहीं बढ़ाए जाने से नाराज जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.

जूनियर डॉक्टरों की अहमियत बिहार में क्या है अगर इसे समझना है तो आंकड़ों पर नजर डालना होगा. बिहार में डॉक्टरों के कुल 14000 पद स्वीकृत हैं. जिसमें से केवल 8000 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं. मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों के साढे चार हजार पद है लेकिन मौजूदा वक्त में केवल 2000 ही कार्यरत हैं. जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य सेवा के लिए बड़े विकल्प बन चुके हैं. उधर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण लगातार मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पीएमसीएच समेत तमाम मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मरीज इलाज के अभाव में तड़प रहे हैं. प्रशासन कह रहा है कि अस्पताल में मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है जबकि हकीकत यह है कि पीएमसीएच की चौखट पर मरीज इलाज की बाट जोह रहे हैं.

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