रक्सौल, संवाददाता
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल में एसएसबी 47वीं बटालियन, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम, प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर, पूर्वी चंपारण पुलिस और रक्सौल थाना की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी आयुर्वेदिक नेटवर्किंग कंपनी ‘डीबीआर वेन मेकर’ पर छापेमारी कर 568 बच्चों को मुक्त कराया गया। इनमें 79 नाबालिग बच्चे और 4 लड़कियां शामिल थीं, जिनका मानसिक दोहन किया जा रहा था।
कंपनी बच्चों को आयुर्वेद उत्पादों की सेलिंग के नाम पर साइकोलॉजी पढ़ाकर माइंड वॉश कर रही थी। बच्चों को बड़े सपने दिखाकर नेटवर्किंग के लिए अन्य बच्चों को जोड़ने का दबाव बनाया जाता था। उन्हें बाहरी दुनिया से काटकर रखा जाता था और अनजान लोगों से बात करने पर रोक थी।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुमंडल पदाधिकारी शिवाक्षी दीक्षित ने तत्काल कंपनी का कार्यालय सील करने के आदेश दिए। अंचलाधिकारी ने कोरिया टोला स्थित कार्यालय को सील कर सभी दस्तावेज जब्त कर लिए। छापेमारी में नवादा, बेगूसराय और रोहतास जिले के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। कंपनी संचालक एनामुल हक फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए जिला पुलिस अधीक्षक ने एसआईटी का गठन किया है।
रेस्क्यू किए गए नाबालिग बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति के माध्यम से मोतिहारी और बेतिया स्थित बाल गृह में पहुँचाया गया है। प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर की जिला परियोजना समन्वयक आरती कुमारी ने बच्चों की काउंसलिंग की।
इस अभियान में एसएसबी 47वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट दीपक कुमार कृष्णा, असिस्टेंट कमांडेंट नेहा सिंह, सचिन कुमार, रजत मिश्रा के नेतृत्व में 100 जवान शामिल थे। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम के प्रदीप कार्जी, अरविंद द्विवेदी, मिक्की कुमारी और प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर के विजय कुमार शर्मा, राज गुप्ता, अभिषेक कुमार, उमेश कुमार श्रीवास्तव ने अहम भूमिका निभाई। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि रेस्क्यू अभियान पूरी तरह सफल रहा और बच्चों को सुरक्षित निकाला गया। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी लगातार जारी है
फर्जी आयुर्वेदिक नेटवर्किंग कंपनी से रेस्क्यू होने वाले युवकों की संख्या बढ़कर 568 हुईइनमें 79 नाबालिग बच्चे और 4 लड़कियां शामिल, 3 आरोपी गिरफ्तार
