शिक्षा विभाग से दवा की उम्मीद लगाए बैठे शिक्षकों का दर्द और बढ़ाए सएलसी बंशीधर ब्रजवासी ने शिक्षकों के साथ दिया धरना, स्कूल में बेंच-डेस्क लगाने में घोटाला का आरोप

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मुजफ्फरपुर, संवाददाता
मुजफ्फरपुर में परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से समाहरणालय परिसर स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में शिक्षक मौजूद थे। शिक्षकों ने बताया कि 19 जून को ट्रांसफर के बाद शिक्षकों को स्कूल आवंटित किए गए। धरना में एसएलसी वंशीधर ब्रजवासी भी शामिल हुए। विभाग से दवा की उम्मीद लगाए बैठे शिक्षकों का दर्द और बढ़ गया है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी नियोजित शिक्षकों को दो दशकों के बाद भी प्रोन्नति नहीं दी जा रही है। ऐसे में परेशानी, हताशा और निराशा का सामना कर रहे हैं।
शिक्षकों से शिक्षा की बात बेइमानी है। नियमावली 2012 को लेकर नियोजित शिक्षकों को स्नातक ग्रेड के पदों पर प्रधानाध्यापक पदों पर तुरंत प्रोन्नति दी जाए। अनियोजित शिक्षकों से विशिष्ट शिक्षक, स्कूल के टीचर, प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षक पदों पर नियुक्त शिक्षकों को सेवा निरंतरता और पूर्ण वेतन संरक्षण का फायदा दिया जाए। धरना पर बैठे एसएलसी वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि हम हमेशा सड़क पर रह रहे है। बुद्धिजीवियों के सहयोग से आज मैं सदन में हूं। राज्य के सभी जिलों में परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है।
बिहार में शिक्षकों की स्थिति मजदूर की तरह बना दी गई है। शिक्षकों को निलंबित किया जा रहा है। नियोजित शिक्षकों को प्रमोशन नहीं मिल रहा है। तबादला की प्रक्रिया में भी खेल हुआ है।शिक्षक दवा मांग रहे थे और उनको दर्द मिल गया है। शिक्षक घर के पास अपना तबादला चाह रहे थे। उनको घर से दूर 150 किलोमीटर फेंक दिया गया। सुशासन की सरकार है, इतनी उदार है कि घर का बेटा बेकार है और बाहरी को रोजगार मिल रहा है। बिहार के युवाओं को भी डोमिसाइल की मांग है।
टीआरई 4 में डोमिसाइल नीति लागू होना चाहिए। एससीईआरटी की किताब सिर्फ छठी से आठवीं तक लागू किया गया है। पहले से पांचवी और सप्तमी से बारहवीं तक क्यों नहीं लागू की गई। राज्य में पहली से बारहवीं तक एनसीईआरटी की किताब लागू हो। गरीबों के बच्चे भी वही किताब पढ़े, जो अमीरों के बच्चे पढ़ते है। स्कूल में बेंच डेस्क लगवाया गया, समर सेबल लगवाया गया। इसमें व्यापक घोटाला हुआ है। इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए। जिलाधिकारी के माध्यम से हम लोग राज्य सरकार को ज्ञापन सौंप रहे है। अगर इसपर कार्रवाई नहीं हुई, तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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