- Advertisement -

बिहार विधानसभा चुनाव में अब नया मोड़ आ रहा है। बिहार में इस बार के चुनावों में पहले से ही तीसरे मोर्चे के बनने की बात कही जा रही थी। जो अब रुप लेता हुआ नज़र ​आ रहा है। बिहार में इस बार के चुनाव में कई नए गठबंधन बने हैं। इन्हीं में से एक गठबंधन है उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLSP और मयावती की पार्टी बीएसपी की है। लेकिन अब इस गठबंधन में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की भी एंट्री हो गई है। इसमें ओवैसी के पहले गठबंधन के साथी देवेंद्र यादव की पार्टी समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक भी शामिल है। यानी कुल चार पार्टियां अब तक इस गठबंधन में शामिल हैं।

आवैसी की पार्टी के रालोसपा के संग आने को लेकर दावा खुद रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने किया है। उन्होंने 6 अक्टूबर को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमारे गठबंधन में नए दल जुड़ गए हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया कि एआईएमआईएम के नेता एवं हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन औवैसी की पार्टी भी उनके गठबंधन का हिस्सा है और साथ में बिहार चुनाव लड़ेगी। बता दें कि उपेन्द्र कुशवाहा महागठबंधन छोड़ने के बाद बसपा से गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरे हैं।

बता दें कि रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कुछ दिन पहले ही भाजपा, जदयू और राजद पर तीखा हमला बोला था। कुशवाहा ने कहा था कि 15 साल की यह सरकार हो या 15 साल की इससे पहले वाली सरकार, दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने यहां तक कहा था कि दोनों ही गठबंधन को आॅपरेट बीजेपी ही कर रही है। ऐसे में वो अपने नए मोर्चे के जरिए उन्होंने बिहार की जनता को नया और बेहतर विकल्प देने का दावा किया।

AIMIM के बिहार के यूथ प्रेसिडेंट ने इस नए गठबंधन को लेकर कहा है कि चारों पार्टियां साथ में मिलकर चुनाव लड़ेंगी और जल्द ही कुछ और पार्टियां गठबंधन का हिस्सा बनेगी। उपेंद्र कुश्वाहा ने इस नए गठबंधन के बारे में कहा कि — हमारा बीएसपी के साथ जो गठबंधन हुआ है, अब उसका और विस्तार हुआ है. इस गठबंधन के साथ ओवैसी की पार्टी AIMIM भी जुड़ गई है। अगले 2-4 दिन में इस गठबंधन के सारे नेता मिलकर गठबंधन के नाम के बारे में और इससे जुड़े हुए दूसरे विवरण के बारे में बात करेंगे और फिर जानकारी दी जाएगी। हमारे गठबंधन के प्रति लोगों काफी उत्साह दिख रहा है. ये गठबंधन अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा।

आपको बता दें कि बिहार में यह नया गठबंधन जो बना है उसे पहले लेकर कोई खास खास प्रतिक्रिया राजनीति गलियारों में देखने को नहीं मिली थी। लेकिन अब जब इसमें ओवैसी की पार्टी AIMIM शामिल हुई है तो राजनीतिक गलियारों में तीसरे मोर्चे को लेकर चर्चाएं होने लगी हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि बिहार में यह तीसरा मोर्चा बड़ी पार्टियों को खेल खराब भी कर सकता है।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here