- Advertisement -

बेतिया: ‘हमारे हॉस्टल में कैमरे लगे हैं। हॉस्टल में हम शॉर्ट्स में रहते हैं, तो प्रभारी प्रिंसिपल उसे बाद में जूम कर देखते हैं। सर, लड़कियों पर गंदे-गंदे कमेंट्स करते हैं। शिकायत करने पर धमकी देते हैं कि तुम्हें फेल कर देंगे। कई जगह शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सर कहते हैं कि मैंने सब मैनेज कर लिया है।’

बेतिया जीएनएम ट्रेनिंग कॉलेज की फर्स्ट ईयर की छात्रा की कही इस बात पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है चाहे वह जिलाधिकारी हों या सूबे के स्वास्थ्य मंत्री। छात्राओं की इस शिकायत को निदेशक(नर्सिंग)ने सीएस से भी लिखित शिकायत की थी और जांच में सीएस ने प्रिंसिपल को दोषी पाया था, पर अभी तक तो प्रिसिपल का बाल भी बांका नहीं हुआ है। और, ऐसी शिकायत सिर्फ एक छात्रा की नहीं बल्कि कई छात्राओं की है, जो प्रभारी प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगा रही हैं। छात्राओं ने सिविल सर्जन से लेकर डीएम तक और स्वास्थ्य मंत्री को भी लेटर भेजा है। लेटर में यहां तक कहा गया है कि मनीष जायसवाल अपने ऑफिस में शराब पीते हैं। लड़कियों के हॉस्टल की छत पर स्टाफ से मालिश करवाते हैं।

कॉलेज की फर्स्ट ईयर की छात्राएं गुरुवार को बेतिया डीएम से मिलने से गयी पर यह कहना मुश्किल है कि डीएम से मिलने का समय उन्हें मिलता है या नहीं। इनलोगों ने मीडिया के सामने भी प्राचार्य पर संगीन आरोप लगाए हैं। एक छात्रा ने कहा है कि प्राचार्य ने हॉस्टल में सीसीटीवी लगवाया हुआ है, जिसकी कोई जरूरत नहीं है। हॉस्टल के कॉरिडोर में हमलोग शार्ट्स पहनकर घूमते हैं। बाद में वो जूम करके देखते हैं।

एक छात्रा ने बताया कि हमें डराया-धमकाया जाता है। नंबर काट लेने की धमकी दी जाती है। कुछ लड़कियां और एक मैम भी सर की इन हरकतों में उनका साथ देती हैं। थर्ड ईयर की स्टूडेंट्स ने भी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इस पूरे मामले पर प्राचार्य मनीष जायसवाल ने कहा कि तस्वीरें एआई से एडिट की हुई हैं। यहां एक ट्यूटर हैं जो मेरी जगह पर पहुंचना चाहते हैं। वो ही छात्राओं से अवैध वसूली करते हैं। साथ में मेरी तस्वीरें वायरल कराकर सभी को मेरे खिलाफ भड़काते हैं।

इस मामले में छात्राओं ने मई माह में ही शिकायत की थी। इसके बाद 6 मई को विभाग के निदेशक (नर्सिंग) ने बेतिया के सिविल सर्जन को लेटर भेज कर जांच का निर्देश दिया था। जानकारी के अनुसार बेतिया के सिविल सर्जन ने 20 मई को गोपनीय जांच रिपोर्ट विभाग को भेज दी थी। इस रिपोर्ट में प्रभारी प्राचार्य को दोषी पाया गया था। इसके बाद भी उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके उलट छात्राओं के खौफ को समझाना जरुरी है जब प्रिंसिपल रिजल्ट और जिंदगी दोनों बर्बाद कर देने की धमकी छात्राओं को देते हैं।
प्रभारी प्राचार्य पर कोई कार्रवाई न होता देख छात्राओं ने 6 अगस्त को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री को भी लेटर भेजा। इसमें कहा गया कि प्रभारी प्राचार्य ने उन्हें धमकी दी है कि मेरा कुछ नहीं हो सकता। हम डीएम से लेकर सीएम तक को मैनेज करके रखे हैं। तुमलोगों का रिजल्ट और जिंदगी, दोनों बर्बाद कर देंगे।

हर जगह शिकायत करने के बाद भी प्रभारी प्राचार्य मनीष जायसवाल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस वजह से 2 दिन पहले छात्राओं ने बेतिया डीएम को भी लेटर लिखा। इस लेटर पर फर्स्ट ईयर की 29 छात्राओं ने साइन किए हैं।

इन्होंने लेटर में अपने आरोपों को दुहराते हुए कहा है कि प्राचार्य के इन कामों में एक शिक्षिका प्रीति कुमारी भी शामिल है। हम सभी को धमकाया जाता है कि एग्जाम में फेल करा देंगे। कहीं काम करने लायक नहीं रहोगी।

जानकारी के अनुसार प्राचार्य मनीष जायसवाल राजस्थान के रहनेवाले हैं। छात्राओं ने डीएम को लिखे लेटर में यह भी कहा है कि मनीष जायसवाल को लगता है कि बिहार में पैसे से सबकुछ खरीदा जा सकता है। वो बिहार को राजस्थान समझते हैं। उन्हें लगता है कि यहां अन्याय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here