पटना: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से सियासी भूचाल आ सकता है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बहुचर्चित नौकरी के बदले जमीन (Land for Job Scam) मामले में फैसला सुनाने की तारीख तय कर दी है। कोर्ट ने ऐलान किया है कि 13 अक्टूबर को सुबह 10 बजे सीबीआई की विशेष अदालत में इस मामले का फैसला सुनाया जाएगा।
इस दौरान आरजेडी सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों को कोर्ट में मौजूद रहना होगा।
कोर्ट का आदेश और सुनवाई का शेड्यूल
यह मामला जज विशाल गोगने की विशेष सीबीआई कोर्ट में सुना जाएगा। कोर्ट ने साफ निर्देश दिया है कि फैसले के समय सभी आरोपी अदालत में उपस्थित रहें। खासतौर पर उन आरोपियों को किसी भी हाल में हाजिर होना होगा जिनके खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है।
पहले यह फैसला 24 सितंबर को सुनाया जाना था। उस दिन कोर्ट की कार्यवाही दोपहर 2 बजे शुरू हुई और फैसला सुनाने के लिए 2:30 बजे का समय निर्धारित किया गया। हालांकि, बाद में कोर्ट ने फैसला टालते हुए 13 अक्टूबर की तारीख तय कर दी।
लैंड फॉर जॉब मामला क्या है?
यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले कुछ लोगों से जमीन ली गई थी। सीबीआई ने इस मामले की जांच की और लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
सीबीआई का दावा है कि नौकरी के बदले लालू परिवार और उनके करीबी लोगों को बेनामी संपत्ति और जमीन का लाभ मिला। यही वजह है कि यह केस लंबे समय से अदालत में विचाराधीन था और अब इसका फैसला आना तय हो गया है।
चुनावी सरगर्मी के बीच फैसला
गौर करने वाली बात यह है कि 13 अक्टूबर को जब अदालत फैसला सुनाएगी, उस समय बिहार में विधानसभा चुनावी माहौल अपने चरम पर होगा। इसीलिए इस केस के राजनीतिक असर पर सभी की नजरें टिकी हैं।
• अगर फैसला लालू परिवार के खिलाफ जाता है, तो यह विपक्षी दलों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
• एनडीए इस मुद्दे को चुनाव प्रचार में जोर-शोर से उठाकर लालू परिवार और आरजेडी को घेर सकता है।
• वहीं, अगर लालू परिवार को राहत मिलती है, तो यह आरजेडी और महागठबंधन के लिए चुनावी बढ़त साबित हो सकती है।
राजनीतिक महत्व
बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार हमेशा से केंद्र में रहा है।
• लालू यादव पहले ही चारा घोटाला समेत कई मामलों में सजा काट चुके हैं।
• राबड़ी देवी आरजेडी की वरिष्ठ नेता और बिहार की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं।
• तेजस्वी यादव वर्तमान में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और महागठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा हैं।
ऐसे में इस केस का फैसला सीधे तौर पर राज्य की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष
13 अक्टूबर को आने वाला यह फैसला बिहार की सियासत का रुख बदलने वाला साबित हो सकता है। अगर अदालत का फैसला लालू परिवार के खिलाफ आता है, तो एनडीए इसे चुनावी मुद्दा बनाकर पूरी ताकत से प्रचार करेगा। दूसरी ओर, अगर फैसला अनुकूल रहा तो यह महागठबंधन को चुनाव से पहले बड़ी राहत देगा।
बिहार की जनता और राजनीतिक दलों की निगाहें अब 13 अक्टूबर पर टिकी हैं, जब राउज एवेन्यू कोर्ट नौकरी के बदले जमीन मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाएगी।
Disclaimer: यह खबर न्यायालय की कार्यवाही और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। अंतिम निर्णय अदालत का होगा।