Uttarakhandi Film Awards 2025 का शानदार और प्रेरणादायक आयोजन 6 दिसंबर को देहरादून के हिमालयन कल्चरल सेंटर, गढ़ी कैंट में संपन्न हुआ। यह समारोह न सिर्फ़ एक अवार्ड शो था, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध भाषा-परंपरा, क्षेत्रीय कला और सांस्कृतिक पहचान का उत्सव था। पाँच सौ से अधिक फ़िल्मी हस्तियों और राज्य की प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति ने आयोजन को और भी गरिमामयी बना दिया।
इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने किया। जैसे ही निशंक मंच पर पहुँचे, सभागार तालियों से गूंज उठा। उन्होंने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि ऐसे आयोजन उत्तराखंड की भाषाओं—गढ़वाली, जौनसारी और कुमाऊनी—की फ़िल्मों को नई ऊर्जा, नई पहचान और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं।
Uttarakhandi Film Awards 2025: 14 फीचर फिल्मों और 26 कैटेगरी में शानदार सम्मान समारोह

इस वर्ष आयोजकों ने उत्तराखंडी सिनेमा में बनी 14 फीचर फ़िल्मों को 26 अलग-अलग कैटेगरी में चयनित किया। यह चयन प्रक्रिया क्षेत्रीय फिल्मों के बढ़ते स्तर और कड़ी प्रतिस्पर्धा को दर्शाती है।
समारोह में उन कलाकारों, निर्देशकों, तकनीशियनों और निर्माताओं को मंच पर सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी मेहनत, रचनात्मकता और लोक-परंपरा के प्रति समर्पण से क्षेत्रीय सिनेमा को नई ऊँचाइयाँ दीं।
इस दौरान वेब मल्टीमीडिया के संस्थापक अध्यक्ष विनोद गुप्ता, अभिनेता हेमंत पांडे, निर्माता महेश राजपूत और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। मंच पर सभी अतिथियों ने आयोजन की सफलता पर खुशी जाहिर की और इसे उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने वाला प्रयास बताया।
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Uttarakhandi Film Awards 2025: संस्थापक अध्यक्ष का आभार और उत्तराखंडी सिनेमा की नई दिशा

अवार्ड समारोह के महत्वपूर्ण क्षणों में से एक वह था जब संस्थापक अध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता ने मंच से सभी अतिथियों, फ़िल्म विकास परिषद उत्तराखंड और विशेष तौर पर लोकप्रिय अभिनेता रमेश नौटियाल का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि यह आयोजन उत्तराखंडी संस्कृति को नई दिशा देने वाला कदम है।
उनके शब्दों में—
“उत्तराखंडी सिनेमा सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि हमारी भाषा, संस्कृति, लोककला और विरासत का ज़िंदा दस्तावेज़ है।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे कार्यक्रम कलाकारों के मनोबल को बढ़ाते हैं और युवाओं को अपनी मिट्टी से जुड़कर काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। गुप्ता ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड की फ़िल्में न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी मजबूत पहचान बनाएँगी।
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Uttarakhandi Film Awards 2025: उत्तराखंडी भाषा, लोककला और सिनेमा का उत्सव

इस अवार्ड फ़ंक्शन ने यह साबित कर दिया कि उत्तराखंडी सिनेमा अब केवल पहाड़ों की कहानी नहीं, बल्कि पहाड़ की आत्मा बन चुका है। इस मंच ने:
• भाषा को सम्मान
• संस्कृति को स्थिरता
• कलाकारों को प्रेरणा
• और युवाओं को दिशा
प्रदान की।
कार्यक्रम ने यह भी दिखाया कि सीमित बजट और सीमित संसाधनों के बावजूद उत्तराखंडी निर्देशक और कलाकार अपनी मेहनत और भावनाओं से ऐसे सिनेमा बना रहे हैं जो दिल को छू जाता है और समाज को जोड़ता है।
यह समारोह क्षेत्रीय सिनेमा की क्षमता और भविष्य की संभावनाओं का भी मजबूत संकेत देता है। उत्तराखंड की संस्कृति, वेशभूषा, लोकगीत, रीति-रिवाज और सामाजिक संवेदनाएँ फिल्मों में जिस आत्मीयता से दिखती हैं, वही इसकी खासियत है।
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