32 साल पुराने केस में फैसला: बेगूसराय कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, भाजपा नेता राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को सुनाई सजा

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Highlights
  • • बेगूसराय एमपी-एमएलए कोर्ट ने 32 साल पुराने केस में सुनाया फैसला। • पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को एक साल की सजा, जमानत मिली। • भाजपा नेता राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को 4-4 साल की सजा। • 1992 में मॉम फैक्ट्री में पुलिस और अपराधियों के बीच हुई थी मुठभेड़। • हथियार और कारतूस बरामद, एएसआई उमाशंकर सिंह ने दर्ज कराया था केस। • बिहार की राजनीति में बाहुबली नेताओं पर फिर से छिड़ी चर्चा।

बिहार की राजनीति और अपराध की दुनिया से जुड़ा एक 32 साल पुराना मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। बेगूसराय के एमपी-एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को इस बहुचर्चित केस में अपना फैसला सुनाते हुए तीन बड़े नेताओं को दोषी करार दिया। पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिला अध्यक्ष राम लखन सिंह, और बाहुबली छवि वाले वीरेंद्र ईश्वर उर्फ शोषण सिंह को अदालत ने सजा सुनाई।

न्यायाधीश संजय कुमार की अदालत ने राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को चार-चार साल की कैद की सजा सुनाई, जिसके बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को एक साल की सजा मिली, जिसके चलते उन्हें अदालत से जमानत मिल गई। इस फैसले के बाद बिहार की राजनीति में पुराने आपराधिक मामलों की गूंज तेज हो गई है।

1992 का मामला: मॉम फैक्ट्री में पुलिस और अपराधियों की मुठभेड़

यह मामला 9 अक्टूबर 1992 का है। एफसीआई थाना क्षेत्र में पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि मॉम फैक्ट्री में हथियारबंद अपराधी छिपे हुए हैं। सूचना मिलते ही एफसीआई थाना पुलिस ने आसपास के कई थानों की टीम के साथ छापेमारी की।

जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची, अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को मौके से गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से हथियार और कारतूस बरामद किए गए। जबकि उस समय के बाहुबली पूर्व सांसद सूरजभान सिंह पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहे।

इस घटना के बाद एएसआई उमाशंकर सिंह ने बरौनी थाना में कांड संख्या 406/92 दर्ज कराया।

गवाहों की गवाही और केस की सुनवाई

सुनवाई के दौरान कुल 12 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इनमें उस समय के जिला अधिकारी रामेश्वर सिंह भी शामिल थे, जिन्होंने कोर्ट में गवाही देकर अभियोजन पक्ष के दावों की पुष्टि की। लंबे समय से चली आ रही इस सुनवाई के बाद आखिरकार अदालत ने तीनों नेताओं को दोषी करार दिया।

अदालत का फैसला और सजा

अदालत ने भाजपा नेता राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को कई धाराओं में दोषी पाया।
• धारा 307 (हत्या का प्रयास): 4 साल
• धारा 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला): 1 साल
• आर्म्स एक्ट: 4 साल
• धारा 26 व 27: 3-3 साल

हालांकि, अदालत ने आदेश दिया कि ये सारी सजाएं एक साथ चलेंगी। दूसरी ओर, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को केवल धारा 353 के तहत दोषी पाया गया और उन्हें एक साल की सजा मिली, जिसके बाद उन्हें अदालत से जमानत मिल गई।

राजनीति और आपराधिक छवि पर असर

इस फैसले ने बिहार की राजनीति में फिर से आपराधिक मामलों और बाहुबली नेताओं की भूमिका पर बहस छेड़ दी है। राम लखन सिंह भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे हैं और उनकी गिनती बाहुबली नेताओं में होती है। वहीं, सूरजभान सिंह भी अपने जमाने में राजनीति और आपराधिक मामलों दोनों में चर्चित नाम रहे हैं।

राजनीतिक गलियारों में इस फैसले को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। विपक्ष इसे सत्ता और अपराध के रिश्ते से जोड़कर देख रहा है, तो भाजपा इस मामले को व्यक्तिगत अपराध बताते हुए संगठन से दूर रखने की कोशिश कर रही है।

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