पटनाः बिहार में चौथे कृषि रोड मैप 2023 की शुरुआत हो गई है। पटना के बापू सभागार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसका शुभारंभ किया। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि – मैं राष्ट्रपति पद से हटने के बाद अपने गांव जाकर खेती करूंगी। मैं फिर आयूंगी बिहार मैं भी बिहारी हूँ।
मुख्यमंत्री नीतीश ने राष्ट्रपति से हर 4 महीने में बिहार आने का आग्रह किया था। इस पर उन्होंने कहा कि बिहार भी मेरा राज्य है। यहां कभी मेरे पूर्वज रहते थे। मैं किसान की बेटी हूं। कृषि रोडमैप की सारी जानकारी मुझे लेनी है। प्रेसिडेंटशीप छोड़ने के बाद अपने गांव जाकर खेती करूंगी। कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम के अलावा 12 विभागों के मंत्री,अफसर मौजूद रहे। साथी ही बड़ी संख्या में किसान,कृषि वैज्ञानिक भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि बिहार की प्रमुख फसल से एथेनॉल का उत्पादन किया जा रहा है। यह देश के ऊर्जा संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम है। सब्जियों और फलों का उत्पादन भी आर्थिक और पर्यावरण दृष्टिकोण से अच्छी पहल है। अमरूद के लाल लीची अनानास का प्रमुख उत्पादन करता रहा है। यहां कई तरह की सब्जियां भी प्रचुर मात्रा में उत्पादित की जाती है।
बिहार भगवान बुद्ध की धरती है उन्होंने संपूर्ण मानवता को शांति और सद्भाव का पाठ पढ़ाया। आप इस पावन धरती के वासी हैं इसलिए आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप आप एक ऐसे समाज का आदर्श प्रस्तुत करेंगे जिसमें देश में कलह की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि- बिहार भी मेरा राज्य है। चाहती हूं कि बिहार लगातार प्रगति के पथ पर बढ़ता दिखाई दे क्योंकि यह भी मेरा राज्य है। मैं बिहार को अपना राज्य मानती हूं। मुख्यमंत्री जी मुझे बार-बार बिहार आने का निवेदन कर रहे हैं तो मैं उनका कहना चाहती हूं कि मैं बिहार जरूर आऊंगी। क्योंकि यह मेरा राज्य है। कभी मेरे पूर्वज यहां रहा करते थे। मैं इसे अपना राज्य मानती हूं। मैं भी बिहारी हूं। इसलिए मुझे जरूर आना है। मैं आऊंगी बीच-बीच में। क्योंकि मैं यहां बेटी हूं। यहां कैसे जैविक खेती किया जाता है मुझे भी जानकारी लेना है। मुझे तो प्रेसिडेंट के बाद जाना है गांव खेती करना है।
इसके आगे राष्ट्रपति को कृषि रोडमैप का प्रजेंटेशन दिया गया। जिसमें बताया गया कि पीपीपी मोड में खेती की जाएगी। इसपर बिहार सरकार की ओर से अगले पांच साल में 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही यह लक्ष्य रखा गया है कि 2025 तक हर खेत में पानी पहुंचाया जाए। बिहार सरकार इस साल 162268.78 करोड़ रुपये कृषि रोड मैप पर खर्च करने का लक्ष्य रखा है।