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Desk: उत्तर प्रदेश की मथुरा जिले में शबनम नाम की महिला कैदी को फांसी के फंदे से लटकाया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो आजाद भारत में यह पहला मामला होगा, जब किसी महिला कैदी को फांसी दी जाएगी। फिलहाल महिला कैदी शबनम रामपुर जेल में बंद है। उसका डेथ वारंट आने के बाद उसे मथुरा जेल शिफ्ट करना होगा। 

शबनम अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव की रहने वाली है। उसने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने माता-पिता सहित सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। इस वारदात को 14/15 अप्रैल 2008 की रात को अंजाम दिया गया था। इसी मामले में मृत्युदंड की सजा पा चुका सलीम आगरा केंद्रीय कारागार में बंद है।

अप्रैल 2008 में हुई थी वारदात
बावनखेड़ी गांव के लोगों के जहन में आज भी 14/15 अप्रैल 2008 की काली रात का खौफ है। एक ही परिवार के सात सदस्यों की बेरहमी से कत्ल की घटना को करीब 13 साल गुजर होने को हैं। ये गांव शबनम के नाम से अब भी खौफ खाता है और नफरत करता है। बावनखेड़ी हत्याकांड के बाद गांववाले अपनी बेटियों का नाम शबनम रखने को तैयार नहीं हैं। गांव वाले ही नहीं, आसपास के गांवों के लोग भी शबनम की फांसी का इंतजार कर रहे हैं।

सिर्फ मथुरा जेल में है महिला कैदी को फांसी देने की व्यवस्था
अब एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है कि सात हत्याओं की दोषी शबनम को मथुरा जेल में फांसी दी जा सकती है। हालांकि मथुरा जेल प्रशासन को अभी इसे लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि मथुरा जेल में महिला कैदियों को फांसी देने की व्यवस्था है। फांसी घर को दुरस्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शबनम को फांसी देने के संबंध में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।

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