पटनाः बिहार विधान परिषद के 11 सदस्यों का निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित सभी नवनियुक्त सदस्यों को एमएलसी की जीत का सर्टिफिकेट दिया गया। सीएम नीतीश के साथ उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे और सीएम को फिर से एमएलसी बनने पर बधाई दी। सीएम नीतीश के अलावा जदयू के खालिद अनवर, भाजपा के मंगल पांडेय, अनामिका सिंह और लाल मोहन गुप्ता को भी जीत का सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। सीएम नीतीश को चौथी बार एमएलसी बनने पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने भी बधाई दी।
वहीं इस बार जिन 11 सदस्यों का निर्विरोध निर्चावन हुआ है उसमें जदयू से सीएम नीतीश और खालिद अनवर सहित भाजपा के मंगल पांडेय, अनामिका सिंह और लाल मोहन गुप्ता शामिल हैं। वहीं एनडीए के समर्थन से ही हम के संतोष सुमन भी एमएलसी बने हैं। वहीं राजद से राबड़ी देवी, अब्दुलबारी सिद्दीक़ी, उर्मिला ठाकुर और फ़ैसल मोहम्मद अली शामिल हैं। पहली बार भाकपा माले की शशि यादव भी एमएलसी निर्वाचित हुई हैं।
बिहार विधानसभा में विधायकों की दलीय स्थिति देखें तो बीजेपी के 78 (कांग्रेस के दो बागी और राजद के 2 बागी विधायक भी बीजेपी के साथ जिससे कुल 82 विधायक भाजपा के होते हैं), जेडीयू के 45, ‘हम’ के चार और एक निर्दलीय विधायक हैं. विपक्ष की बात करें तो आरजेडी के पास 74, कांग्रेस के 17, वाम दल के 16 एमएल हैं. जबकि एआईएमआईएम के 1 एमएल हैं. संख्या बल के हिसाब से भाजपा के 3, जदयू के 2 और हम के 1 एमएलसी बने हैं जबकि राजद के चार और वाम दल के एक एमएलसी का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है।
राजद के चार और भाकपा माले के एक एमएलसी का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है. यह विधान परिषद में राजद को मजबूत करने वाला निर्वाचन रहा है क्योंकि राजद के एमएलसी की संख्या दो बढ़ गई है. वहीं जदयू की संख्या कम गई है और उसके दो एमएलसी घट गए हैं. इन सबके बीच भाजपा के लिए कोई बदलाव नहीं हुआ है. कांग्रेस को भी झटका लगा है क्योंकि उसकी रिक्त हो रही सीट पर फिर से नहीं मिली है. इन सबके बीच भाकपा माले की ओर से पहली बार कोई एमएलसी सदन में पहुंचा है।