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Desk: बिहार की महत्वपूर्ण सड़कों पर लगने वाले जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए सड़कों को और चौड़ा किया जाएगा। पटना सहित पूरे बिहार में ऐसी 56 सड़कों को चिह्नित किया गया है, जो पथ निर्माण विभाग की वृहद् जिला सड़कें (एमडीआर) हैं। अगर इन सड़कों पर अतिक्रमण हैं, तो उसे भी हटाया जाएगा।

बिहार के किसी भी कोने से पांच घंटे में पटना पहुंचने की योजना पर अमल करने के लिए पथ निर्माण विभाग ने कई योजनाएं बनाई है। इसी कड़ी में राज्य में जरूरत के अनुसार बाईपास, फ्लाईओवर व एलिवेटेड सड़क बनाने का निर्णय लिया गया है। पथ निर्माण विभाग सरकार के सात निश्चय-दो के तहत सुलभ सम्पर्कता योजना पर काम हो रहा है। इसके तहत राज्यभर में 120 बाईपास बनाए जाएंगे, लेकिन बाईपास बनने में तीन साल लगेंगे। तब तक इन सड़कों से गुजरने वालों को जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए तात्कालिक उपाय किए जाएंगे।

अधिकारियों के अनुसार विभाग ने राज्य के सभी जिले में पथवार अध्ययन किया है। अध्ययन में इस बात पर जोर रहा कि किस इलाके में सबसे अधिक जाम की समस्या आ रही है। पाया गया कि राज्य की 120 सड़कों पर जाम की समस्या आ रही है। इसमें नेशनल हाईवे की 31 तो स्टेट हाईवे की 33 सड़कें हैं, जबकि सबसे अधिक एमडीआर की 56 सड़कें हैं। चूंकि एमडीआर की सड़कें शहर के भीतर से होकर गुजरती है। इस कारण इन सड़कों पर सबसे अधिक जाम लग रहा है।

विभाग की ओर से चिह्नित सड़कों पर पथ निर्माण के अलावा परिवहन विभाग और जिला प्रशासन भी काम करेगा। जिन सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जा सकती है, उसे अविलंब चौड़ा किया जाएगा। अगर किसी सड़क पर अतिक्रमण है तो उसे भी अविलंब मुक्त कराया जाएगा। विभाग की मंशा है कि बाईपास बनने तक लोगों को कम से कम जाम की समस्या का सामना करना पड़े।

जिलावार जाम होने वाली एमडीआर की सड़कें :
पूर्वी चम्पारण, किशनगंज, समस्तीपुर, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सारण, सहरसा में एक-एक, अरवल, भागलपुर, मधुबनी, मुंगेर, पश्चिम चम्पारण, सीवान, कैमूर, औरंगाबाद, पटना, रोहतास में दो-दो, बक्सर, बेगूसराय, भोजपुर, खगड़िया, पूर्णिया, नालंदा में तीन-तीन तो मधेपुरा व गोपालगंज की चार-चार सड़कें।

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