दिवाली के त्योहार से कई परम्पराएं जुड़ी हुई हैं, इनमें से एक परम्परा है घरौंदा बनाने की। आपको याद होगा कि बचपन में हम दिवाली से कुछ दिन पहले एक छोटा-सा घर बनाया करते थे। फिर दिवाली पर उसमें दीपक जलाकर रखा करते थे। दिवाली पर घरौंदा बनाने को शुभ माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली पर घरौंदा क्यों बनाया जाता है?
आइए, हम बताते हैं क्या है इसकी मान्यता-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम चौदह साल के वनवास के बाद कार्तिक माह की अमावस्या के दिन अयोध्या लौटे, तब उनके आगमन की खुशी में नगरवासियों ने घरों में घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था। अयोध्यावासियों का मानना था कि श्रीराम के आगमन से ही उनकी नगरी फिर बसी है। इसी को देखते हुए लोगों में घरौंदा बनाकर उसे सजाने का प्रचलन हुआ। इसे प्रतीकात्मक तौर पर नए नगर के बसने के रूप में देखा जाता है। माना जाता है कि घर की सारी नकरात्मकताओं को दूर करके फिर से घरौंदा बसता है।
महानगरीय जीवनशैली में स्पेस की दिक्कत होती है, ऐसे में प्लास्टर ऑफ पेरिस पाउडर से घर के कोने में प्रतीकात्मक रूप से छोटा-सा मंदिर बना सकते हैं। इसके अलावा आप घर की छत पर भी छोटा-सा घरौंदा बना सकते हैं। इस घरौंदा को बनाने के बाद आप इसके अंदर लाल रंग या हल्दी से स्वास्तिक या ओम बना सकते हैं। दिवाली के दिन घरौंदे में दीपक जलाकर रखने की परम्परा है।