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देशभर में लव जिहाद को लेकर एक तरफ जहां बहस छिड़ी हुई है. वहीं उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बना दिया है. यूपी के बाद अब मध्य प्रदेश ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया है.

मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की ओर शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। मध्य प्रदेश में लव जिहाद विरोधी विधेयक ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020’ ( (मप्र फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2020) को शिवराज कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई एक विशेष बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दी गई है

इसके कानून बनने के बाद 1 से पांच साल की सजा हो सकती है और कम से कम 25 हजार रुपए जुर्माना हो सकता है। विधेयक 28 दिसंबर से प्रस्तावित विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत होगा।

इस नए कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी. अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी.अब इस वेधयक को विधानसभा में लाया जाएगा.

किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम की धारा 03 का उल्लंघन करने पर 01 वर्ष से 05 साल की सजा और कम से कम 25 हजार रूपए का जुर्माना लगेगा। नाबालिग, महिला और एससी/एसटी केस में 02 से 10 साल तक की जेल और कम से कम 50 हजार रुपए जुर्माना प्रस्तावित किया गया है। इसी तरह अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर 03 से 10 साल तक की जेल और कम से कम 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 05 से 10 साल जेल और कम से कम 01 लाख रूपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया जा रहा है।

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