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Desk: शहरी क्षेत्र में रिक्शा- ठेला चलानेवाले, फुटपाथ पर रोजी कमाने वाले व अन्य बेघर तथा भूमिहीन गरीबों को सरकार आवासन की सुविधा प्रदान करेगी. राज्य सरकार ने निश्चय- टू के तहत महानगरों की तरह सूबे के हर जिला मुख्यालय में बहुमंजिली आवास निर्माण कर इन गरीबों को प्रदान करने की योजना बनाई है. सहरसा जिला में जिला प्रशासन ने ऐसे गरीबों को चिह्नित कर सूची बना ली है. उम्मीद है कि जल्द ही शहर में आवास की सुविधा नहीं रहने के कारण इधर- उधर भटकनेवाले लोगों को जल्द ही शहर में ही आवास की सुविधा मिल सकेगी.

जमीन के अभाव में नहीं मिली आवास की सुविधा

शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या महादलित समुदाय के गरीब रेलवे लाइन के बगल में, बिस्कोमान के समीप, नया बाजार काली मंदिर के समीप, सिमरीबख्तियारपुर बस स्टैंड के समीप समेत अन्य जगहों में जहां- तहां झोपड़ी बनाकर ङ्क्षजदगी बसर कर रहे हैं. अतिक्रमण हटाओ के नाम पर कभी रेलवे द्वारा तो कभी जिला प्रशासन द्वारा इन गरीबों को इस अस्थायी घर से भी बेघर कर दिया जाता है. शहरी गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ दिया जा रहा है, परंतु जिन लोगों को अपनी जमीन नहीं है, उन्हें यह सुविधा भी नहीं मिल पाती. ऐसे में हजारों लोग शहर में खानाबदोश की तरह जीवन बसर कर रहे हैं. इन लोगों के साथ घुमंतु समुदाय के लोगों को भी इस बहुमंजिली भवन में विश्राम की सुविधा मिल सकेगी.

फुटपाथ वेंडरों को भी मिलेगी सुविधा

नगर परिषद द्वारा शहरी क्षेत्र में जहां- तहां सड़क के किनारे रोजगार कर रहे फुटपाथ दुकानदारों को भी चिह्नित कर लिया है. जहां इन लोगों को वेंडिंग जोन बनाकर दुकान देने की योजना बन रही है. वहीं इन गरीबों को सरकार की नई योजना के तहत आवास की भी सुविधा दी जाएगी. इससे रात्रि विश्राम के लिए जहां- तहां भटक रहे लोगों की समस्या का स्थायी समाधान हो सकेगा.

शहरी क्षेत्र के बेघर भूमिहीन लोगों की सूची बनाकर जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को भेजी गई है. उम्मीद है कि शहरी जरूरतमंदों को बहुमंजिली भवन के माध्यम से आवास देने की योजना के तहत सहरसा के लोग भी शीघ्र ही लाभांवित होंगे. -प्रभातरंजन, कार्यपालक पदाधिकारी, नप सहरसा.

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