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Desk: बिहार के सहकारिता बैंक से केसीसी लेने वाले किसानों के लिए बड़ी सूचना है। लोन माफ होने की उम्मीद लगाए जिन किसानों ने पैसा जमा नहीं किए हैं, वे 31 जनवरी तक आवेदन देकर ब्याज की 90 प्रतिशत राशि माफ करा सकते हैं। फरवरी तक भी वह आवेदन दे सकते हैं, लेकिन तब 80 प्रतिशत सूद की राशि ही माफ होगी। इससे करीब दो लाख किसानों को फायदा होगा। सहकारिता बैंक की एक मुश्त समझौता योजना (ओटीएस) का लाभ व्यक्तिगत लोन लेने वालों के साथ डिफॉल्टर पैक्स भी ले सकते हैं।

सहकारिता बैंकों में यह योजना 15 दिसम्बर से ही लागू
राज्य के सहकारिता बैंकों में यह योजना 15 दिसम्बर से ही लागू है। विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने बुधवार को योजना की समीक्षा की। साथ ही बैंकों को सभी एनपीए खाताधारकों को नोटिस देने का निर्देश दिया। साथ ही, बैंक स्तर पर कैम्प लगाकर लोनी किसानों और दूसरे लोगों को इसका लाभ देने के लिए कहा। इस योजना के तहत 90 प्रतिशत तक सूद की राशि माफ करने की योजना है, लेकिन शर्त है कि आवेदन जनवरी में ही करना होगा। इससे राज्य के लगभग दो लाख ऐसे किसानों को लाभ मिलेगा, जिनका केसीसी एनपीए हो चुका है। इसके अलावा लगभग एक हजार डिफॉल्टर पैक्स भी इसका लाभ ले सकते हैं।

मूलधन के साथ सूद की बकाये राशि में मात्र 10 प्रतिशत का भुगतान
योजना का लाभ लेने वालों को केवल मूलधन के साथ सूद की बकाये राशि में मात्र 10 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। राज्य में सहकारी बैंकों से केसीसी लेने वाले किसानों की संख्या लगभग चार लाख है। इनमें आधे यानी लगभग दो लाख किसानों का खाता एनपीए हो गया है। इन खातों में बैंकों का लगभग 300 करोड़ रुपया फंसा हुआ है। बैंकों के लगभग 56 हजार एनपीए खातों को नोटिस दे दिया गया है। इन खातों में बैंकों के लगभग 563 करोड़ रुपये फंसे हैं। योजना का लाभ अब तक 1600 किसानों ने लिया है। इन किसानों से लगभग साढ़े छह करोड़ रुपये की वसूली हो पाई है।

योजना एक नजर में
90% सूद माफ होगा जनवरी तक आवेदन करने पर
80% ब्याज माफ होगा फरवरी तक आवेदन करने पर
563 करोड़ रुपये फंसे हैं बैंकों के डिफॉल्टरों के पास

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