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Desk: होमगार्ड जवानों की लुंज-पुंज वाले पुराने दिन गए। अब पुलिस (Bihar Police) की तरह ही होमगार्ड जवान (Homeguard Jawans) भी स्मार्ट दिखेंगे। होमगार्ड जवानों की वर्दी में एकरूपता लाने के लिए एक तय एजेंसी के द्वारा ही अब वर्दी (Uniform) की खरीद होगी। इतना ही नहीं, होमगार्ड ने वर्दी खरीदी या नहीं, इसकी भी समय-समय पर जांच होगी। होमगार्ड मुख्यालय (Homeguard HQs) ने सभी जिला समादेष्टा (District Commandent) को डिमांड देने के लिए निर्देशित किया है।

सिवान की जिला समादेष्टा पदाधिकारी ममता कुमारी ने बताया कि एक होमगार्ड की ब्रांडेड यूनीफॉर्म पर 1500 रुपये व एक जैकेट पर करीब दो हजार रुपये खर्च होंगे। वर्दी के लिए यह राशि जिले के होमगार्ड को उपलब्ध कराई जाएगी। वर्दी के लिए मोंटे कार्लो से समझौता हुआ है।

हर जवान को मिलते हैं 10 हजार रुपये

होमगार्ड के सभी जवानों को पूरे पुलिस यूनीफॉर्म के लिए दस हजार रुपये उपलब्ध कराए जाते हैं। इससे जवान वर्दी, जूते, जैकेट, बेल्ट व टोपी खरीदेंगे। होमगार्ड के डीजी ने अपने आदेश में कहा है कि जिला कमांडेंट को नियमित रूप से इसकी जांच करनी है कि गृह रक्षक वर्दी में ड्यूटी कर रहे हैं या नहीं।

वर्दी की एकरूपता को लेकर हुई पहल

दरअसल, होमगार्ड जवानों को अब यूनीफॉर्म के लिए 10 हजार की राशि सीधे उनके खाते में दे दी जाती है। अफसरों के पास शिकायत मिली कि कई होमगार्ड जवान यूनीफॉर्म नहीं खरीदते और पुरानी वर्दी में ही ड्यूटी करते हैं, इससे उनकी छवि खराब होती है। इसके विपरीत कई जवान ऐसे भी मिले जो तय राशि में खुद के पैसे जोड़कर बेहतर वर्दी खरीद लेते थे। अलग-अलग जगह से खरीदारी के कारण उनकी वर्दी का रंग और गुणवत्ता भिन्न होती जिससे होमगार्ड के जवानों में एकरूपता नहीं आ पाती। नई व्यवस्था का उद्देश्य है कि सभी जवान एक तरह की वर्दी में दिखाई दें।

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