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Desk: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से असुदद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम (AIMIM) के सभी पांच विधायकों ने पिछले दिनों पटना में मुलाकात की थी। इसके बाद से कयास यह लगाया जा रहा था कि एआइएमआइएम का समर्थन जदयू को मिल सकता है। लेकिन एआइएमआइएम ने जदयू के सामने एक ऐसी शर्त रखी है कि जिससे जदयू के सामने धर्मसंकट खड़ा हो गया है।

एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अख्तरूल इमान ने कहा है कि जब तक जदयू और भाजपा में गठबंधन रहेगा तब तक समर्थन की बात पर विचार किया नहीं जा सकता है। वे पूर्णिया में अपने सभी विधायकों के साथ पत्रकार सम्‍मेलन कर रहे थे। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अमौर विधायक अख्तरूल इमान, बायसी के विधायक मु. रूकनुद्दीन, बहादुरगंज के विधायक अंजार नैनी और कोचाधामन के विधायक इजहार अस्फी मौजूद थे। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि राज्‍य और केंद्र सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।

नीतीश को समर्थन देने के लिए ओवैसी की AIMIM तैयार, लेकिन रखी यह शर्त 1

सीमांचल की समस्याओं का निदान के लिए होगा प्रयास

एआइएमआइएम के विधायकों ने कहा कि बिहार में विकास के लिए उनका प्रयास जारी रहेगा। सीमांचल की समस्याओं का निदान निकालने की मांग मुख्‍यमंत्री से की। विधायक ने कहा कि वे सभी जनता से जुड़े हैं। जनता की अपेक्षा पर सभी खरे उतरेंगे। सरकार अगर जनहित में कार्य नहीं करेगी तो जनांदोलन किया जाएगा। सीमांचल राज्य में सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। जबकि सीमांचल बिहार राज्य का 10वां हिस्सा है। इसलिए सरकार को चाहिए कि बजट का 10वां भाग सीमांचल के विकास पर खर्च हो।

विशेष पैकेज मांग

एआइएमआइएम के विधायकों ने मांग की कि सीमांचल के लिए बिहार सरकार विशेष पैकेज देने की घोषणा करे। उन्‍होंने कहा अगर सरकार राज्‍य में संतुलित विकास चाहती है तो सीमांचल डेवलपमेंट कौंसिल का गठन किया जाना चाहिए। इसके लिए राज्‍य सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेजे। उन्‍होंने कहा सीमांचल में बाढ़ के स्थाई निदान के लिए ठोस पहल करने की जरुरत है। उन्‍होंने पूर्णिया को राज्य की दूसरी राजधानी बनाने की वकालत की। साथ ही कहा कि हाईकोर्ट के बेंच की स्थापना पूर्णिया में हो। विधायक ने राज्‍य सरकार से अन्‍य कई मांगें की हैं, जिसमें मुख्य विभागों के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना, सीमांचल में आबादी के अनुरूप शैक्षणिक संस्था, सीमांचल में एम्स की स्थापना, स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना, मक्का, धान आदि की एमएसपी दर पर खरीदारी सुनिश्चित करने, एएमयू के ब्रांच के रूके कार्य किशनगंज में शुरू करने, सीमांचल में कल करखाने की स्थापना आदि शामिल हैं। जिस दर से बिहार राज्य का विकास हुआ है, उस दर से सीमांचल का विकास नहीं हुआ। सीमांचल हमेशा से सत्ता के सौतेलेपन का शिकार रहा है। उन्‍होंने कहा अगर सरकार नहीं चेती तो एआइएमआइएम के सभी विधायक, नेता और कार्यकर्ता प्रखंड से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेंगे। इस आंदोलन को आम जनता का भी समर्थन मिलेगा।

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