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Desk: उत्तर बिहार के दरभंगा हवाई अड्डे का विवाद के साथ लगता है चोली-दामन का साथ है. पहले एयरपोर्ट का नाम फिर यहां से रात में विमानों के परिचालन को लेकर लगातार खींचतान मची है. अब एक बार फिर दरभंगा एयरपोर्ट के नाम को लेकर विवाद उठ रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां इस एयरपोर्ट का नाम कवि-कोकिल विद्यापति के नाम पर रखने की मांग कर चुके हैं. वहीं, अब दरभंगा राजघराने ने हवाई अड्डे का नाम महाराज कामेश्वर सिंह के नाम पर रखने की मांग की है.

दरभंगा राजघराने के महाराज कामेश्वर सिंह के पोते कुमार कपिलेश्वर सिंह ने यह मांग की है. कपिलेश्वर सिंह का कहना है कि राजघराने की यह मांग जायज है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार को कोई व्यक्ति अगर पांच कट्ठा जमीन स्कूल खोलने के लिए देता है, तो सरकार जमीन मालिक के नाम पर ही स्कूल का नाम रखने को तैयार होती है. ऐसे में दरभंगा हवाई अड्डा के लिए महाराज कामेश्वर सिंह ने न सिर्फ 90 एकड़ जमीन दी थी, बल्कि उन्होंने हवाई अड्डा बनवाया भी था. कपिलेश्वर सिंह ने दावा किया कि राजघराने ने चीन से लड़ाई के समय भारत सरकार को न सिर्फ यह हवाई अड्डा, बल्कि अपना एयरक्राफ्ट भी दान में दिया था. यही नहीं, राजघराने की ओर से भारत सरकार को 15 मन सोना भी दान में दिया गया. ऐसे में इस हवाई अड्डे का नाम तो उनके नाम पर होना ही चाहिए.

कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि महाराजा कामेश्वर सिंह ने इतनी जमीन दान दी, DMCH अस्पताल के लिए जमीन दी, ऐसे में उनके नाम का कुछ तो सम्मान होना ही चाहिए. आपको बता दें कि बिहार सरकार इस एयरपोर्ट का नाम मैथिली और अवहट्ट भाषा के महान कवि विद्यापति के नाम पर रखने की सिफारिश कर चुकी है. वर्ष 2018 में हवाई अड्डे के शिलान्यास के समय ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महाकवि विद्यापति के नाम पर दरभंगा हवाई अड्डे का नाम रखने की घोषणा की थी.

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