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Desk: लवगुरू के नाम से चर्चित पटना विश्‍वविद्यालय के हिंदी के प्रोफेसर मटुकनाथ रिटायर्ड होने के बाद अपने गांव जयरामपुर में रहते हैं। मगर आज भी उनके दिल में प्रेम के लिए कुछ कर गुजरने की इच्‍छा जवां है। अब उन्‍होंने भागलपुर जिला के बिहपुर प्रखंड स्थित अपने गांव में ओशो इंटरनेशनल स्‍कूल खोलने की तैयारी की है, जहां छात्रों को वे प्रेम की शिक्षा देंगे। पटना पहुंचे मटुकनाथ ने बताया कि प्रेम विद्यालय की शुरूआत इसी साल अप्रैल से होगी। बताया कि इस विद्यालय में भौतिक, आध्‍यात्मिक, आत्मिक डेवलपमेंट की शिक्षा दी जाएगी। फिलहाल जो शिक्षा व्‍यवस्था है,वो भौतिक शिक्षा पर आधारित है। हालांकि अब खुद उनकी अपनी प्रेम कहानी विचित्र मोड़ पर है।

हर चीज से बेपरवाह थी यह जोड़ी

कभी पटना में मटुकनाथ और उनकी शिष्‍या जूली की प्रेम कहानी बेहद चर्चित हुई थी। साल 2006 में मटुकनाथ पटना विश्‍वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर थे और जूली उनकी छात्रा। जाहिर है जूली उनसे आधी उम्र की थी। तब जूली ने परिवार के विरोध, समाज की परवाह किए बिना मटुकनाथ से शादी की थी। पटना विश्‍वविद्यालय में उनकी प्रेम कहानी और शादी को लेकर काफी हंगामा बरपा था। मटुकनाथ का बसा-बसाया घर उजड़ गया था। उनकी पत्‍नी ने उन्हें काफी कोसा था। मटुकनाथ के मुंह पर छात्रों ने कालिख पोती थी। विश्‍वविद्यालय ने उन्‍हें निलंबित कर दिया था। मगर इस जोड़ी ने किसी बात की परवाह नहीं की थी। हालांकि साल 2013-14 से मटुकनाथ और जूली में दूरियां आने लगी। 2016 में जूली उनसे अलग हो गईं। 2017 से वे अफ्रीका के त्रिनिदाद के एक आश्रम में रह रही हैं।

लॉकडाउन में जूली से मिले

मटुकनाथ ने बताया कि आज भी जूली उनकी चिंता करती हैं। मैं भी अब भी उनसे बेहद प्रेम करता हूं। फिलहाल उनकी दिशा बदल गई है। उनका स्‍वास्‍थ्‍य भी ठीक नहीं है। उन्‍होंने बताया कि वे 6 मार्च को जूली के बुलाने पर उनसे मिलने त्रिनिदाद गए थे। लॉकडाउन के कारण साढ़े चार महीने जूली के साथ रहे। मगर जूली ने दोनों की फोटो शेयर करने से मना किया है। उनकी प्रेम कहानी के अजीब मोड़ पर पहुंचने की बात पूछने पर कहते हैं कि वे अपनी प्रेम कहानी को असफल नहीं मानते, क्‍योंकि उनका प्रेम जितना भी चला संपूर्णता में चला।

बहरहाल, अपने नए विद्यालय को लेकर काफी उत्‍साहित थे। कहा कि उनके विद्यालय में तीन खंड होंगे- बाल्‍यकाल, किशोराकाल और युवा काल। फिलहाल वे बच्‍चों के लिए बाल्‍यकाल खंड शुरू कर रहे हैं।

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