झारखण्ड पेपर लीक का सरगना अमन सिंह
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आरा: झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल पेपर लीक मामले में भोजपुर जिले के आरा शहर से अमन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.पेपर लीक मामले के सरगना अमन सिंह को झारखण्ड पुलिस ने इतनी सतर्कता से गिरफ्तार किया कि किसी को फौरन कानो कान खबर तक नहीं लग सकी.

गिरफ्तार अमन सिंह भोजपुर जिले के उदवंतनगर थाना क्षेत्र के जैतपुर गांव निवासी उमेश कुमार सिंह का पुत्र है. उसके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, यूनियन बैंक व एक्सिस बैंक का डेबिट कार्ड बरामद किया गया है. उसके मोबाइल फोन और लैपटॉप में सीजीएल परीक्षा की आंसर शीट और कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, एकेडमिक दस्तावेज और परीक्षा में कदाचार कराने के कई ट्रांजेक्शन की जानकारी झारखण्ड की रांची पुलिस को मिली है. पूछताछ के क्रम में अमन सिंह के ने अपने गिरोह का खुलासा करते हुए कई अहम जानकारियां दी हैं. साथ ही परीक्षा में पेपर लीक करने की बात स्वीकर की है. अमन सिंह के पास से बरामद मोबाइल में जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के अलावा कई अन्य परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र, एकेडमिक दस्तावेज और परीक्षा में कदाचार कराने के एवज में कई ट्रांजेक्शन डिटेल प्राप्त हुए हैं.

उपरोक्त जानकारियों के अलावा अमन सिंह ने झारखंड सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल अन्य कई लोगों की संलिप्तता संबंधी जानकारी भी पुलिस को दी. पुलिस के अनुसार, जिनके विरूद्ध साक्ष्य जुटाया जा रहा है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.

बता दें कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से बीते 28 जनवरी को राज्य के 735 केंद्रों पर सीजीएल के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी. उसी दिन आयोग को ईमेल के जरिए पेपर लीक होने की सूचना प्राप्त हुई थी. अगले दिन 29 जनवरी को जेएसएससी की अधिकारी मधुमिता कुमारी के बयान पर नामकुम थाने में इस मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.जांच के क्रम में पुलिस ने पूरे प्रकरण के मास्टरमाइंड झारखंड विधानसभा के अवर सचिव सज्जाद इमाम उर्फ मो. शमीम और उसके दो पुत्रों शाहनवाज हसन व शहजादा इमाम सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया था. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की 28 जनवरी को हुई सीजीएल परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में परीक्षा लेने वाली एजेंसी को काली सूची में डालने के आदेश को सही बताते हुए एजेंसी की याचिका खारिज कर दी गई है.अदालत ने एजेंसी को डिबार करने के जेएसएससी के आदेश को सही बताया है. इस संबंध में परीक्षा लेने वाली एजेंसी सैटेवेट इंफोसोल ने याचिका दायर की थी.

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