पटनाः बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक में 27 प्रस्तावों को हरी झंडी मिली है। इनमें पंचायतों में राशि की बंदरबांट रोकने के लिए भी अहम फैसले लिए गए। पंचायतों में अब 15 लाख रुपए से कम की योजनाओं का भी टेंडर होगा। नीतीश सरकार ने पंचायत निर्माण कार्य नियमावली को स्वीकृत दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाया गया है। सरकार के इस कदम से अब अब मुखिया और वार्ड सदस्यों की मनमानी नहीं चलेगी।
बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि नियमावली में अब यह प्रावधान किया गया है कि मुखिया और पंचायत सचिवों की मनमानी पर रोक लगे। छोटे कामों के भी ठेकेदारों का पैनल बनेगा। उसकी बिड लगेगी और बोली में ही चयनित व्यक्ति को वह काम दिया जाएगा। दरअसल, पंचायत स्तर पर कराए जाने वाले विकास कार्यों को पहले मुखिया और वार्ड सदस्य अपने स्तर से काम कराते थे। विकास कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगातार लग रहे थे। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आखिरकार नीतीश सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त मुखिया और वार्ड सदस्यों के पर को कतर दिया है और उनके अधिकारों में बड़ी कटौती कर दी है।
बता दें कि नीतीश कैबिनेट बैठक में शुक्रवार को कुल 27 एजेंडों पर मुहर लगी है। अपर मुख्य सचिव ने जानकारी दी है कि अब गया और मोतिहारी के बाद अब भागलपुर के विक्रमशिला में राज्य के तीसरे केंद्रीय विश्वविद्यालय खुलने का भी रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने 205 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के लिए 87.99करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। वहीं बिहार फ़िल्म प्रोत्साहन नीति 2024 की भी स्वीकृति मंत्रीमंडल ने दे दी है। शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए नीतीश सरकार ने एक नई योजना मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना को भी कैबिनेट में मंजूरी दे दी है।
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