पटनाः बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र कल यानी 22 जुलाई से शुरु होने जा रही है। सोमवार से शुरु होकर 26 जुलाई तक चलने वाले सत्र के दौरान दोनों सदनों में पांच-पांच बैठकें होनी है। सरकार की कोशिश होगी की सत्र का संचालन सुचारू रुप से किया जा सके। हालांकि विपक्ष ने सरकार को घेरने की बड़ी तैयारी कर रखी है। ऐसे में मानसून सत्र के हंगामेदार होने की पूरी संभावना है। मानसून सत्र के पहले दिन राज्यपाल द्वारा स्वीकृत अध्यादेशों की प्रति को सदन के पटल पर रखने के बाद ही 2024-25 का पहला अनुपूरक बजट सरकार की तरफ से पेश किया जाएगा। 23 और 24 जुलाई को राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य किए जाएंगे।
वहीं 23 जुलाई को ही विधान परिषद में गैर सरकारी संकल्प पेश होंगे और 24-25 जुलाई को राजकीय विधेयक सदन में लाए जाएंगे। 25 जुलाई को विधानसभा में प्रथम अनुपूरक बजट पर वाद-विवाद और वोटिंग होगी। इस दौरान विनियोग विधेयक पर भी मुहर लगेगी। सत्र के आखिरी दिन यानी 26 जुलाई को सदन में गैर सरकारी संकल्प पेश किए जाएंगे।
सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने रणनीति बनाई है। बिहार में बढ़ते अपराध के साथ साथ एक महीने के भीतर दर्जन भर से अधिक पुलों के धराशायी होने की घटना को मुद्दा बनाकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। राज्य में अपराध को लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। ऐसे में इन दोनों मुद्दों को लेकर हंगामे की प्रबल संभावना है। साथ ही बिहार में लगातार गिर रहे पुल को लेकर भी विपक्ष भी सरकार को कटघड़े में खड़ा करने की पूरी कोशिश करेगी।
बता दें कि सत्र के दौरान विधानसभा के आस-पास धारा 144 लागू रहेगी। इसको लेकर प्रतिबंधित क्षेत्र की सीमा निर्धारित की गई है। प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी भी तरह के जुलूस और प्रदर्शन पर रोक रहेगी। प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी भी तरह के जुलूस और धरना करने वालों के खिलाफ पुलिस बड़ा एक्शन ले सकती है। हालांकि कई संगठनों ने मानसून सत्र के दौरान विरोधघ प्रदर्शन करने का ऐलान पहले कर चुका है। इसलिए पुलिस और प्रशासन को पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।