ममता के झूठ का मांझी ने किया पर्दाफाश, टोकने पर चली गईं समय से अधिक बोल रहीं थीं ममता,बैठक में बोलने के लिए तय था 5 मिनट का समय
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गया: नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी को बोलने नहीं दिए जाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मेरे सामने ही ममता बनर्जी बैठी हुईं थीं। तय था कि पांच मिनट से ज्यादा कोई भी अपनी बात नहीं रखेंगे। सबने 5 मिनट में अपनी बात रखी।

ममता बनर्जी की बारी आई तो उन्होंने 5 मिनट से ज्यादा का समय ले लिया। 5 मिनट से ज्यादा समय हुआ तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रिमांइडर दिया। इसी पर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है और वह चली गईं। ये बातें जीतनराम मांझी ने गया सर्किट हाउस में में कही।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बीते दिनों पारित बजट की खूबियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि एनडीए की ओर से निर्देशित किया गया है कि सभी मंत्री अपने लोकसभा में बजट के बारे में लोगों को बताएं। जनता को सरकार क्या देने जा रही है। उसकी योजना क्या है। इन सभी मसलों को विस्तार से पहुंचाएं।

बजट में बिहार की हिस्सेदारी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बिहार को जो मिला है मिला है वह किसी

को नहीं मिला है। केंद्र सरकार ने इस बार जो दिया है वह प्रशंसनीय है। सही क्रियान्वयन और आम आवाम का सहयोग मिला तो विकास दूर से ही नजर आएगा। यही वजह है कि सभी लोग जो दूसरे प्रदेश के हैं, वे कहने लगे कि बिहार और गया को सबसे अधिक बजट मिला है। हमने प्रधानमंत्री से कहा था कि मेरी कड़ाही खाली है। तो उन्होंने खुल्ले मंच से गया में कहा था कि गया से चुनाव जीतन राम मांझी नहीं नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहा है। कड़ाही खाली नहीं रहेगी। जैसा उन्होंने कहा वैसा ही अब देखने को मिल रहा है।

बजट में गया में कॉरिडोर व इंडस्ट्रियल हब बनाए जाने से संबंधित बजट का श्रेय भाजपा की ओर से लिए जाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री जीतनराम ने कहा कि मेरा राजनीतिक चरित्र रहा है कि मैं काम करता हूं और कहता नहीं हूं। एनडीए का निर्देश है सभी अपने अपने संसदीय क्षेत्र में बजट के बारे में बतायें। बिहार और गया की जनता इतने कमजोर दिमाग की नहीं है। वह बखूबी समझती है कि किसने क्या काम किया है।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के मसले पर तेजस्वी के बयान पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने पिताजी से पूछना चाहिए कि जब वह केंद्रीय मंत्री थे तो उस समय बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाए। उस समय तो वे इतने पावरफुल थे कि मास्को भ्रमण पर गए। राष्ट्रपति से रातों रात साइन करवा कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगवाया था। उन्हें उस समय यह भी काम करना चाहिए था। लेकिन कभी नहीं किया। स्पेशल राज्य का दर्जा से इस बार चार गुना से ज्यादा बिहार को मिला है।

नीति आयोग की बैठक में नीतीश कुमार के शामिल नहीं होने के सवाल के जवाब में मंत्री मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार पीएम के आभारी हैं। कोई शारीरिक दिक्कत हुई होगी या फिर काम की व्यस्तता होगी। हमें भी लगा कि सीएम नहीं आए हैं। लेकिन उन्होंने जितना मांगा था उससे अधिक बिहार को प्रधानमंत्री ने दे दिया।

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