आरा: बक्सर जिले में बालू के अवैध खनन और परिचालन को प्रभावकारी तरिके से रोकने के लिए वाहनों को विशिष्ट पहचान देने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जिला खनन विभाग ने उच्चतम न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम को लेकर दिए गए निर्देश के आलोक में यह कदम उठाया है.
बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा भी बालू के खनन एवं परिवहन में लगे वाहनों के लिए विशिष्ट पहचान अनिवार्य कर दिया है. विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार एक अगस्त 2024 से खनिज लदे वाहनों पर विशिष्ट पहचान अनिवार्य कर दिया गया है. विभाग द्वारा बालू के परिवहन हेतु खनन सॉफ्ट में निबंधित जीपीएस लगे वाहनों पर चारों तरफ से लाल रंग की 20 इंच चौडी पट्टी वाहन मालिकों को रंगवाना होगा और पट्टी पर चारो तरफ छः इंच के साईज में खनन वाहन निबंधन संख्या खनन सॉफ्ट में निबंधन संख्या एवं वाहन संख्या अंकित करना अनिवार्य कर दिया गया है. बालू बंदोबस्तधारी भी विशिष्ट पहचान अंकित किये गये और मुख्य मार्ग से होकर गुजरने वाले बालू लदे वाहनों को देखकर ही पहचान कर सकेंगे. साथ ही पुलिस या अन्य अधिकारी भी विशिष्ट पहचान देखकर बालू लदे वाहनों की जांच कर सकेंगे.
खनिज लदे वाहनों के लाल रंग से रंगे होने के कारण प्रशासन द्वारा इसकी आसानी से जाँच की जा सकेगी. आम लोग भी ऐसे वाहनों पर निगाह रख सकेंगे एवं वाहन संख्या डालकर खनन सॉफ्ट पोर्टल पर यह जान सकेंगे कि उस वाहन के लिए बालू का चालान कब तक वैध है. आम नागरिक भी नियम विरूद्ध परिवहन करने वाले वाहनों के बारे में जिला कंट्रोल रूम में शिकायत कर सकेंगे. विशिष्ट पहचान के बिना यदि बालू का परिवहन करते कोई वाहन पाया जायेगा, तो यह पूरी तरह अवैध बालू के खनन, परिवहन एवं बिक्री का मामला माना जायेगा और उसके तहत ही उन वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी.