आरा: कैमूर जिले के भभुआ नगर परिषद क्षेत्र में स्थित वैसे आवासीय भवन जिनका व्यावसायिक उपयोग होगा उन्हें अब हर व्यावसायिक कर चुकाना होगा.आवासीय भवनो का व्यावसायिक उपयोग करने वाले गृह स्वामियों की कर चोरी अब अधिक दिनों तक नहीं चलने वाली है. भभुआ नगर परिषद ने आवासीय घरों का व्यावसायिक उपयोग कर टैक्स नहीं देने वाले गृह स्वामियों की पहचान करने का फैसला किया है. इसके लिए पहली बार भभुआ नगर परिषद ने ज्योग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम यानि जीआइएस सर्वे कराने का निर्णय लिया है.ज्योग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम यानि जीआइएस सर्वे से न सिर्फ आवासीय मकानों का व्यावसायिक उपयोग करने वाले गृह स्वामियों का पता चल सकेगा बल्कि उनके मकान की वास्तविक जानकारी भी एकत्रित हो जाएगी. इसी के अनुसार ऐसे मकानों पर कर का निर्धारण एवं उसकी वसूली भी की जा सकेगी.
ज्योग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम यानि जीआइएस सर्वे को लेकर नगर पर्षद कार्यालय सभागार में जीआइएस की आयी दो सदस्यीय टीम ने नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार उपाध्याय और वार्ड पार्षदों और प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सर्वे से संबंधित कार्यों को प्रारम्भ करने की दिशा में तैयारी की समीक्षा की. टीम में सहायक नगर परियोजना पदाधिकारी रवि शंकर सिंह और टाउन सुपरवाइजर अंकित कुमार शामिल थे. बता दें कि भभुआ शहर में अभी करीब 12 से 15 हजार भवन बने हुए हैं. लेकिन नगर पर्षद में इसमें से सिर्फ 8 हजार भवन ही रिकॉर्ड में दर्ज हैं. नतीजा है कि रिकॉर्ड मे दर्ज इतने ही घरों द्वारा संपत्तिकर, जलकर आदि चुकाया जा रहा है. लेकिन इस सर्वे के बाद शहर में बने भवनों व मकानों का पता चल जायेगा और फिर नगर पर्षद सभी से टैक्स की वसूली कर सकेगा. इस संबंध में सहायक परियोजना पदाधिकारी रवि शंकर सिंह ने बताया कि जीआइएस सर्वे सैटेलाइट के माध्यम से होगा. इसमें शहर की संपत्ति मकान, कच्चा, पक्का, कुल मंजिलों की संख्या और वर्ग फीट में बने मकान की वास्तविक जानकारी मिल जाएगी.यदि छत पर टॉवर लगा हुआ है तो इसकी भी जानकारी सामने आयेगी. इससे उस भवन की आय और उससे लिया जाने वाला टैक्स भी पूरा-पूरा वसूल किया जा सकेगा. जीआइएस सर्वे को लेकर आयोजित बैठक में नगर परिषद के अध्यक्ष विकास तिवारी, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि मंटू सिंह, वार्ड पार्षद मनेंद्र कुमार कई सम्बंधित लोग मौजूद थे.
बताया जाता है कि जीआईएस सर्वे के तहत नगर पर्षद भभुआ के हर घर का सर्वे डिजिटल तरीके से होना है. साथ ही घर में प्रॉपर्टी नंबर प्लेट लगायी जायेगी. यह एक तरह से डिजिटल सर्वे है जो जियोग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम बेस मैप के तहत होगी. जियोग्राफिकल इनफार्मेशन सिस्टम यानि जीआइएस मैपिंग से नगर पर्षद भभुआ की सभी व्यवस्थाएं डिजिटल हो जायेगी. नगर परिषद के इओ ने बताया कि शहर के आवासों का जीआइएस सर्वे कराया जा रहा है. इससे भवन कितनी जगह में बना है और उसका क्या उपयोग हो रहा है, यह सब सर्वे के बाद पता चल जायेगा. इसके बाद उसी अनुसार नगर पर्षद उस भवन से संपत्ति और जलकर की वसूली करेगी. इसके अलावा इस स्मार्ट वर्किंग व्यवस्था से नगर पर्षद भभुआ क्षेत्र अंतर्गत आनेवाली सड़कों, स्ट्रीट लाइट, संपति, नालों, शौचालयों, पार्कों व अन्य डाटा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़ दिया जायेगा. इस प्रकार एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी प्रकार की सूचना सरलता से प्राप्त होगी. इस पर प्राथमिकता के आधार पर तय होनेवाले कार्य के लिए निर्णय लिया जा सकेगा.