पटना: उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि वोटबैंक की राजनीति और तुष्टिकरण की नीति के तहत कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके दल को वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने जदयू के इस बयान का स्वागत किया है कि यह बिल मुस्लिम विरोधी नहीं बल्कि एक निरंकुश संस्था को कानून में बांधने के लिए लाया गया है।
श्री चौधरी ने कहा कि वक्फ एक्ट में संशोधन सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किया गया हैं। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया था कि वक्फ बोर्ड की जितनी भी परिसम्पत्तियां हैं उससे सिर्फ 163 करोड़ की ही आमदनी होती है। यदि वक्फ परिसम्पत्तियों का उचित तरीके से रखरखाव किया गया होता तो इससे 12 हजार करोड़ रुपये सलाना आय अर्जित हुई होती।
श्री चौधरी ने कहा कि वक्फ एक्ट में बदलाव के लिए वर्ष 2024 में अचानक बिल नहीं पेश किया गया है बल्कि वर्ष 2015 से ही सुझाव लिए जा रहे थे। इसके लिए कश्मीर से लेकर लखनऊ तक बैठकें आयोजित की गई। रहमान खान की अध्यक्षता वाली जेपीसी ने भी कहा कि वक्फ बोर्ड की व्यवस्था ठीक तरीके से नहीं चल रही है।
मैनपाॅवर अपर्याप्त है और फंड बहुत ही कम है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि वक्फ बोर्ड में महिला सदस्यों व बच्चों को भी जगह दी जाए। वक्फ एक्ट की अनेक खामियों को दूर करने के लिए ही संशोधन का बिल लाया गया है। कोई पहली बार वक्फ एक्ट में संशोधन नहीं किया जा रहा है, वर्ष 2013 में भी वक्फ एक्ट में बदलाव किया गया था।
वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन बिल पास होने के बाद वक्फ बोर्ड किसी भी सम्पत्ति को अपना नहीं बता सकेगा। अभी वक्फ के पास किसी भी जमीन को अपनी सम्पत्ति घोषित करने की शक्ति है। जमीन पर दावे से पहले उसका वेरिफिकेशन करना होगा। इससे बोर्ड की मनमानी और मुट्ठी भर लोगों की दलाली पर रोक लगेगी। श्री चौधरी ने कहा कि देश में जितने भी वक्फ बोर्ड है, उसपर माफिया लोगों का कब्जा है। वक्फ एक्ट में संशोधन बिल के पास होने के बाद वक्फ बोर्ड को सुचारू करने व उसकी परिसम्पत्तियों की उचित देखभाल में सहूलियत होगी तथा उसकी अकूत सम्पत्तियों का लाभ आम और जरूरतमंद मुस्लमानों, महिलाओं व बच्चों को भी मिल पायेगा।