जमुई: बिहार- झारखंड सीमा रेखा पर जमुई जिले के खैरा प्रखंड का पंचभूर झरना नक्सलियों से बिल्कुल मुक्त हो चुका है। नक्सलियों के कब्जे में रहने वाले इस झरना में अब पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है।
बिहार झारखंड सीमा रेखा से सटे होने के कारण उक्त इलाके को नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। बिहार -झारखंड में कोई भी नक्सली घटना होती थी तो नक्सली इस इलाके में अपना सुरक्षा ठिकाना बनाकर बड़ी घटना को अंजाम दिया करते थे।
नक्सलियों का गढ़ होने के कारण इस इलाके में पर्यटकों का आवागमन नही होता था। विगत 2 सालों से केंद्रीय सुरक्षाबलों द्वारा लगातार इस इलाके में नक्सलियों के खिलाफ विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया। इस दौरान कई नक्सलियों को मुठभेड़ में मारा गया तो कई नक्सलियों को आत्म समर्पण करने पर मजबूर कर दिया गया। कुछ नक्सली जो पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहे थे उन लोगों को सुरक्षाबलों ने हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया।
16वीं वाहिनी एसएसबी के जवानों द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा था जिसमें नवादा जिले के ककोलत झरने से भी बेहतर झरना पंचभूर गांव के जंगली इलाके में मिला। एसएसबी जवानों ने झरने तक लोगों को पहुंचाने के लिए जंगली इलाकों की झाड़ियों को काटकर रास्ता बनाया। जिसके बाद झरने में अब प्रत्येक दिन पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। जवानों ने बेहतर व्यवस्था भी उपलब्ध कराई है ताकि यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो।
सुरक्षा व्यवस्था भी मुहैया करायी जा रही है।
खैरा थानाध्यक्ष दुर्गेश दीपक ने बताया कि पहले यह इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता था लेकिन लगातार सुरक्षाबलों द्वारा की गई कार्रवाई से अब नक्सली बैक फुट पर हैं और इस इलाके से नक्सलियों को पूरी तरह से खदेड़ दिया गया है। पंचभूर झरने में अब पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। जिसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराया जा रहा है।