पटना डेस्कः बदलो बिहार न्याय यात्रा की आज से शुरुआत हो गई। नवादा से निकली यात्रा का नेतृत्व भाकपा–माले महासचिव कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य के अलावा एमएलसी शशि यादव, अरवल विधायक महानंद सिंह, रामबली सिंह यादव, गोपाल रविदास सहित गया और नवादा के पार्टी नेता कर रहे हैं। नवादा शहर स्थित डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण और वहां जन संवाद के आयोजन के बाद यह यात्रा हिसुआ की ओर प्रस्थान कर गई जो वजीरगंज होते हुए गया पहुंचेगी।
मिथिला जोन की यात्रा पार्टी के मिथिला प्रभारी कामरेड धीरेन्द्र झा और पूर्व विधायक कामरेड मंजू प्रकाश के नेतृत्व में बेनीपट्टी से शुरू हुई है। वहीं पश्चिम चंपारण के भितहरवा आश्रम से सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता और केंद्रीय कमेटी की सदस्य सरोज चौबे के नेतृत्व में यात्रा मुजफ्फरपुर की ओर निकल चुकी है। सारण जोन में यात्रा का नेतृत्व का. सत्यदेव राम, कामरेड नईमुद्दीन अंसारी, कामरेड अमरजीत कुशवाहा आदि नेता कर रहे हैं.
जोनल यात्राओं के अलावा विभिन्न जिलों में भी कई सहायक यात्राओं की शुरुआत आज से शुरू हो गई है. यात्रा का समापन 27 अक्टूबर को पटना में आयोजित बदलो बिहार न्याय सम्मेलन से होगा। का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज से बदलो बिहार न्याय यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. 26 अक्टूबर को पटना पहुंचेंगे. 27 को मिलर हाई स्कूल में न्याय सम्मेलन होगा. नए बिहार के निर्माण की चल रही लड़ाई को मज़बूत बनाने के लिए न्याय सम्मेलन में शामिल होने की अपील करने आए हैं।
माले महासचिव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार को बदलना है. हमें नया बिहार चाहिए. बाबा साहब ने जो संविधान दिया था उस संविधान में हिंदुस्तान के सभी नागरिकों से यह वादा किया गया था इसमें कोई धार्मिक भेदभाव नहीं होगा, जाति के नाम पर भेदभाव नहीं होगा. आपकी भाषा कुछ भी हो, आपकी बोली कुछ भी हो,आपका धर्म कुछ भी हो, आप कुछ भी खाते हो, कोई फर्क नहीं पड़ता है. हिंदुस्तान का संविधान गारंटी करेगा कि भारत के तमाम नागरिकों को बराबरी का हक मिले, सबके लिए बराबरी, सबके लिए सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय का लक्ष्य संविधान के पहले पन्ने पर है।
आज वह संविधान खतरे में है. लगातार उसपर हमला हो रहा है. गरीबों पर बुलडोजर चल रहा है. दलितों पर हमले हो रहे हैं. महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है और ऐसे ही दौर में हम देख रहे हैं कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी के कुछ जहरीले नेता हिंदू–मुस्लिम कर रहे हैं. हिंदू मुस्लिम करके पूरे बिहार में माहौल खराब करना चाहते हैं। बिहार में अगर हमें विकास चाहिए, हमें न्याय चाहिए, हमें रोजगार चाहिए तो हमें इस बात की गारंटी करनी होगी कि गरीबों को बांटने की किसी भी साजिश को चकनाचूर कर देना है।
नवादा के कृष्णानगर में 1966 से बसे हुए 80 घरों को बेदखल करने की कोशिश बहुत पुरानी है. 2023 में भी एकबार हमला हुआ था. और इस साल 18 सितंबर को हुए भयानक आगजनी और हमले में कृष्णानगर से लोगों को किसी तरह जान बचाकर भागना पड़ा. कथित भूमि विवाद का हवाला दे कर कृष्णानगर के लोगों को अन्य बुनियादी सुविधा और अधिकारों से भी वंचित रखा गया है. सुरक्षा और सम्मान के लिए यहाँ के दलितों को सबसे पहले भूमि अधिकार चाहिए. इस मामले में सरकार आज भी दलित-गरीबों के खिलाफ खड़ी है।
कृष्णानगर कोई अपवाद नहीं है. बिहार के लाखों गरीब भूमिहीन परिवार आज भी इसी असुरक्षा और अन्याय के बीच जी रहे हैं. इस अन्याय को मिटाने के संकल्प के साथ बदलो बिहार न्याय यात्रा नवादा से शुरू हो रही है। गया में किसी दलित मजदूर का हाथ काट लिया जा रहा है. सिवान में मूंछ रखने पर दलित शिक्षक की हत्या हो जा रही है. बिहार में यह हो क्या रहा है? बिहार में भूमि सुधार लागू नहीं हुआ. गरीबों के पास जो भी थोड़ी जमीन है वह लाल झंडे के बदौलत है।
नीतीश जी कहते हैं कि भूमि सर्वे से भूमि विवाद खत्म हो जाएगा लेकिन हो रहा है उल्टा. भूमि सर्वे भूमिहीनों को बेदखल करने की साजिश है. इसलिए जबतक पर्चा नहीं मिलता भूमि सर्वे पर रोक लगाने की मांग करने आए हैं। डबल इंजन की सरकार बिहार की जनता के साथ डबल धोखा कर रही है. जाति सर्वेक्षण के उपरांत दलितों –वंचितों के आरक्षण का विस्तार हुआ लेकिन कोर्ट का बहाना बनाकर सरकार धोखा दे रही है. वह बढ़े आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में नहीं डाल रही. जीतन राम मांझी और चिराग पासवान की बोलती बंद है।
विशेष राज्य के सवाल पर बिहार के साथ धोखा हुआ. बिहार के लोगों को जानबूझकर गरीब बना के रखा गया है। इसलिए गरीबों को पैकेज चाहिए. विशेष पैकेज के नाम पर बिहार में हवाई अड्डे, एक्सप्रेस वे बनाए जा रहे हैं लेकिन इससे गरीबी खत्म नहीं होने वाली, रोजगार नहीं मिलने वाला और इसलिए हमने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दो और बिहार के विकास के लिए विशेष पैकेज दो ताकि रोजगार की गारंटी हो सके ताकि बिहार से गरीबी मिट सके. इस दिशा में हम लोगों को बढ़ना है. इन सवालों को लेकर के हम लोगों की यात्रा शुरू हो रही है। आगे कहा कि बिहार गरीबों का प्रदेश है. आंदोलनों का प्रदेश है. बिना लड़े कुछ भी नहीं मिलता. जो लोग कह रहे कि बिना लड़े सबकुछ मिल जाएगा, वह सरासर झूठ बोल रहा है।
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