पटनाः केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से बंगला छीन लिया है। पटना में पशुपति पारस का कोई ठिकाना नहीं बचा। मंत्री की कुर्सी गयी, सांसद भी नहीं रहे। पार्टी सिर्फ कागज पर सिमट कर रह गयी और पटना का सरकारी बंगला भी चला गया। बता दें कि पार्टी में हुई टूट के बाद से लोक जनशक्ति पार्टी के दफ्तर के नाम पर अलॉट सरकारी बंगले पर पशुपति पारस का कब्जा था। लेकिन अब उस बंगले को खाली कर दिया गया है।
हालांकि इस बंगले को बचाने के लिए पारस ने हर जतन किया। दिल्ली जाकर अमित शाह से गुहार लगाये। पटना हाईकोर्ट में रिट दायर की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अमित शाह ने उनका नोटिस नहीं लिया और हाईकोर्ट ने दो सप्ताह पहले ही बंगला रहने देने की याचिका खारिज कर दी थी। बिहार सरकार ने सभी मान्यता प्राप्त दलों को पटना में ऑफिस के लिए सरकारी बंगला देने का प्रावधान किया हुआ है। 2005 में ही पटना एयरपोर्ट के पास व्हीलर रोड के एक नंबर बंगले को लोक जनशक्ति पार्टी के ऑफिस के लिए राज्य सरकार की ओर से अलॉट किया गया था।
बिहार सरकार बंगले का अलॉटमेंट दो साल के लिए करती है। हर दो साल के बाद सरकार अलॉटमेंट को और दो साल के लिए बढ़ाती है। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में पशुपति पारस की पार्टी ने किसी सीट पर चुनाव ही नहीं लड़ा। नतीजतन उनकी पार्टी में ना कोई विधायक रहा और ना सांसद। इसके बाद 13 जून 2024 को बिहार सरकार ने लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर आवंटित बंगले का अलॉटमेंट रद्द कर दिया था। भवन निर्माण विभाग ने बंगला खाली करने का नोटिस भी जारी कर दिया था।