बगहा: कैमूर के भभुआ में बिहार का दूसरा टाइगर रिजर्व बनेगा केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। इस टाइगर रिजर्व में वाल्मीकि नगर के टाइगर भी दहाड़ेंगे। इसकी जानकारी मंत्री प्रेम कुमार ने दी। बता दें की वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। वाल्मीकि टाइगर में अब तक बाघों की संख्या 60 हो गई है यही कारण है कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में कई दफा बाघों की आपसी द्वंद्व दिखाई देती है जिसे देखते हुए आवश्यकता अनुसार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भभुआ के लिए बाघ भेजे जा सकते हैं।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसे देखते हुए एक प्रपोजल तैयार किया गया है, अगर इस प्रपोजल पर अनुमति मिल जाती है तो वीटीआर के बाघ कैमूर में पर्यटकों को दिखाई देंगे। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) के मंगुराहा वनक्षेत्र में एक आठ वर्षीय नर बाघ की मौत 22 अगस्त को हो गई। दरअसल 22 अगस्त को देर शाम वनकर्मियों की गश्ती के दौरान कक्ष संख्या 46 के अमहवा जंगल में इस बाघ का शव मिला। शव मिलने के बाद वनकर्मियों ने इसकी सूचना वनक्षेत्र कार्यालय और वरिष्ठ अधिकारियों को दी।
23 अगस्त को सुबह घटना स्थल पर पहुंचे सीएफ और डीएफओ समेत अन्य अधिकारियों और डॉक्टरों की टीम ने बाघ की मौत की जांच शुरू की। शुरुआती जांच में बाघ के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले हैं, जिससे पता चला कि दो बाघों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में एक बाघ की मौत हो गई है। यह पहली दफा नहीं थी जब दो बाघों के भिड़ंत में एक बात की मौत हुई है। इससे पहले भी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में इस तरह के मामले देखने को मिल चुके हैं।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में तकरीबन 60 बाघ हैं। सभी बाघों ने अपना–अपना क्षेत्र निर्धारण कर रखा है। वन संरक्षण डॉक्टर नेशा मनी के बताते हैं कि बाघ अपना क्षेत्र निर्धारण उचित भोजन और पानी को देखते हुए करते हैं। इनके लिए एक निश्चित दायरा सीमित नहीं है कई दफा देखा गया है कि 15 से 20 स्क्वायर किलोमीटर में दो-दो बाघ रह जाते हैं। वहीं कई दफा 40 से 45 किलोमीटर के दायरे में मात्र एक बाघ रहता है। यानी बाघ प्रचुर मात्रा में भोजन और पानी को देखते हुए अपना क्षेत्र निर्धारित करते है। ऐसे में एक क्षेत्र का बाघ अगर दूसरे के क्षेत्र में आता है तो फिर वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो जाती है। ऐसे में एक को अपनी जान गंवानी पड़ती है या फिर भाग कर जान बचाना पड़ता है।