रक्सौल: रक्सौल मुख्य पथ पर जाम की समस्या वर्षों से जस की तस बनी हुई है। नगर परिषद और प्रशासन अतिक्रमण हटाने के नाम पर अभियान चलाते हैं, लेकिन नतीजा शून्य ही निकालता है। हर कुछ दिनों में अनुमंडल पदाधिकारी शिवांक्षी दीक्षित सड़क से ठेला और अवैध दुकानें हटाती हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में स्थिति फिर पूर्ववत हो जाती है। यह सिलसिला चार महीनों से लगातार जारी है, लेकिन इस समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं निकल सका है।
एक आईएएस अधिकारी जैसे कि अनुमंडल पदाधिकारी का मुख्य काम प्रशासनिक नीतियों का क्रियान्वयन, कानून-व्यवस्था बनाए रखना और विकास कार्यों की निगरानी करना होता है। उनका दिनभर सड़क पर रहकर अतिक्रमण हटाना न केवल उनकी भूमिका के साथ न्याय नहीं करता, बल्कि यह प्रशासनिक संसाधनों का भी अप्रभावी उपयोग है। नगर परिषद का मुख्य दायित्व होता है अतिक्रमण हटाना और सार्वजनिक स्थानों का रख रखाव करना। इसके लिए विशेष टीमों और संसाधनों का प्रावधान होता है, जिसमें नगर निगम के अधिकारी, पुलिस बल, और अन्य संबंधित एजेंसी शामिल होती हैं। इसके अलावा, नियमित निगरानी और पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुसार अतिक्रमण हटाने का काम होना चाहिए ताकि किसी भी उच्च अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से बार-बार हस्तक्षेप न करना पड़े।
इसलिए आमलोग इसे चोर-सिपाही का खेल या नगर परिषद की खानापूर्ति ही मानते हैं। यह सवाल उठता है कि नगर परिषद अगर ईमानदारी से सख्त कार्रवाई करे, तो एक भी सतही काउंटर और ठेला सड़क पर नहीं दिखेगा। लेकिन सवाल यह है कि यह कार्रवाई स्थाई क्यों नहीं होती?
मुख्य सड़क से मेन रोड नहर चौक से बाटा चौक तक के क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने में प्रशासन को चार महीने लग गए। चार महीने में 40 से अधिक बार अतिक्रमण हटाया गया, लेकिन हर बार कुछ दिनों बाद वही लोग फिर से अपने ठेले और दुकान लगा लेते हैं। इसका मतलब साफ है कि या तो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रभावी नहीं है, या फिर प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है।
अवैध सतही काउंटर बाटा चौक से लेकर रेलवे गुमटी तक नाली के ऊपर चौकी रखकर अवैध मुद्रा अधिनियम की उल्लंघन करते हैं। लेकिन आज तक इन धंधेबाजों की चौकी हटाई नहीं गई। रक्सौल में जाम की समस्या केवल यातायात व्यवस्था का मुद्दा नहीं, बल्कि यह नगर परिषद की विफलता का प्रतीक भी बन चुका है। यदि नगर परिषद और प्रशासन वास्तव में इस समस्या को हल करना चाहते हैं आवश्यक कदम उठाएं जाने की आवश्यकता है।