बिहार के ग्राम पंचायतों में मिनी सचिवालय बनाने का निर्णय बिहार सरकार ने लिया है। दरअसल हर पंचायत में पंचायत सरकार भवन के लिए राशी जारी की गई है। पंचायत भवनों का निर्माण खुद सरपंचों की निगरानी में होगी। पंचायती राज विभाग ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। इन पंचायत भवनों को नौ महीने के अंदर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
ग्राम पंचायतों में मिनी सचिवालय बनाने के लिए कुल 24 अरब 81 करोड़ 90 लाख रूपए से अधिक खर्च होगा। इसके साथ ही प्रत्येक पंचायत भवन में सुधा होल-डे मिल्क पार्लर भी खोले जाएंगे, जिसके निर्माण में कुल 24 करोड़ 53 लाख का खर्च आएगा।
फिलहाल बिहार के 2000 ग्राम पंचायतों में लोकल एरिया इंजीनियरिंग संगठन और 2615 पंचायतों में भवन निर्माण विभाग द्वारा पंचाय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण की प्रक्रिया को सरल और भवन को समय से बनाने के लिए शुरुआत में पंचायतों को तकनीकी राशि का 5% ‘मोबिलाइजेशन एडवांस’ के रूप में दिया जाएगा। भवन निर्माण की कुल राशि पांच किश्तों में दी जाएगी।
सुधा डेयरी के होल-डे मिल्क पार्लर की निगरानी के लिए जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में निगरानी समिति का गठन किया गया है. इसमें उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, LAEO के कार्यपालक अभियंता और जिला पंचायत राज पदाघिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे. पंचायत सरकार भवनों को ग्रामीण क्षत्रों ‘मिनी सचिवालय’ के रूप में देखा जा रहा है।
इन भवनों में RTPS केंद्र भी स्थापित किए जा रहे है, जिससे आय, जाती, निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और राशन कार्ड जैसी सेवाएं गांव स्तर पर ही उपलब्ध हो सकेंगी. इस पहल से गांव के लोगों को अब सरकारी कार्यों के लिए प्रखंड या जिला मुख्यालय की दौड़ नहीं लगनी पड़ेगी. और सरकारी योजनाओं की लोकल लेवल पर उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
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