पटना में गंगा का रौद्र रूप: गांधीघाट और दीघाघाट पर गंभीर बाढ़ की स्थिति बरकरार

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PATNA, SEP 18 (UNI) - A view of Gandhi Ghat the rise in Ganga river due to heavy rain in Patna on Wednesday. UNI PHOTO-94U

पटना: बिहार की जीवनरेखा कही जाने वाली गंगा नदी इन दिनों राजधानी पटना में अपने रौद्र रूप में नजर आ रही है। गांधीघाट और दीघाघाट पर गंगा का जलस्तर सोमवार सुबह 8 बजे तक खतरनाक निशान से ऊपर दर्ज किया गया। दोनों घाटों पर हालात गंभीर बाढ़ की स्थिति में बने हुए हैं, जिससे तटवर्ती इलाकों के लोगों की चिंता और बढ़ गई है।

गंगा का बढ़ता जलस्तर

गांधीघाट और दीघाघाट दोनों जगह गंगा का पानी लगातार बढ़ रहा है और आसपास की गलियों और मोहल्लों में घुसने लगा है। निचले इलाकों में रहने वाले परिवार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई घरों के आंगन तक पानी पहुंच चुका है और लोगों को नाव या अस्थायी पुल की मदद से आवाजाही करनी पड़ रही है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ दिनों में गंगा के जलस्तर में तेज़ी से वृद्धि हुई है। लगातार बारिश और उत्तर भारत के अपस्ट्रीम इलाकों से छोड़े गए पानी की वजह से नदी का प्रवाह तेज़ हुआ है। हालात ऐसे हैं कि गंगा अपने किनारे तोड़ने को आतुर दिख रही है।

प्रशासन हाई अलर्ट पर

बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है। प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। प्रशासन लगातार गंगा के जलस्तर की निगरानी कर रहा है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य की तैयारियाँ की जा रही हैं।

जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल गंगा का जलस्तर खतरनाक निशान से ऊपर है और अगले 24 घंटे तक हालात गंभीर बने रह सकते हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि हालात पर लगातार नज़र रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।

लोगों की मुश्किलें बढ़ीं

गांधीघाट और दीघाघाट से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए हालात बेहद मुश्किल हो चुके हैं। कई परिवारों को घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ रहा है। वहीं, जिन लोगों के पास विकल्प नहीं है, वे घर की ऊपरी मंजिलों या अस्थायी शेल्टर पर शरण ले रहे हैं।

पानी बढ़ने से सड़कें और गलियां डूब गई हैं। स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है और बाज़ारों में भी सन्नाटा छा गया है। लोगों की सबसे बड़ी परेशानी खाने-पीने और साफ पानी की आपूर्ति को लेकर है।

पटना के गांधीघाट और दीघाघाट पर गंगा का यह रौद्र रूप प्रशासन और आमजन, दोनों के लिए बड़ी चुनौती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बारिश और ऊपर से छोड़े गए पानी की रफ्तार यही बनी रही तो पटना के और भी इलाकों में बाढ़ का खतरा गहरा सकता है। फिलहाल सबकी निगाहें गंगा के जलस्तर और प्रशासनिक तैयारियों पर टिकी हैं।

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