बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सभी पार्टियां अपनी ताकत दिखाने में जुटी हैं। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही जोरशोर से प्रचार अभियान चला रहे हैं। इस बीच आरएलएम चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने कांग्रेस और राजद पर तीखे तेवर अपनाए और कहा कि उनका महागठबंधन सिर्फ स्वार्थ का गठबंधन है, जो बिहार की जनता पर कोई असर नहीं डाल पाएगा।
उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को अपने बयान में साफ कहा कि बिहार में एनडीए ने हमेशा अतिपिछड़ा, पिछड़ा और दलित समाज की महिलाओं के लिए ठोस काम किए हैं, जबकि महागठबंधन सिर्फ घोषणाओं में माहिर है। कुशवाहा का कहना है कि एनडीए ने जो काम किए हैं, उनका असर जनता के जीवन में दिखाई देता है, और यही वजह है कि महागठबंधन की रैलियों और घोषणाओं से जनता प्रभावित नहीं होगी।
महागठबंधन और प्रियंका गांधी पर टिप्पणी
कुशवाहा ने महागठबंधन को “स्वार्थ का गठबंधन” बताते हुए कहा कि बिहार में कांग्रेस और राजद का इतिहास खराब रहा है। उन्होंने प्रियंका गांधी की रैली पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि जनता उनकी बातों में आसानी से नहीं आएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि व्यक्तिगत राय के तौर पर कांग्रेस को थोड़ा लाभ मिल सकता है, लेकिन यह महागठबंधन एनडीए के लिए कोई चुनौती नहीं है।
उपेंद्र कुशवाहा ने जोर देकर कहा कि बिहार में एनडीए की जीत लगभग तय है और पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल कर फिर से सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि जब चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा, तो महागठबंधन की दिल्ली से आने वाली मौजूदगी केवल चुनाव प्रचार तक सीमित होगी।
अशोक चौधरी के आरोपों पर प्रतिक्रिया
अशोक चौधरी पर लगे आरोपों के संबंध में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, “थोड़ा वेट कीजिए। जेडीयू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और मैं उसका समर्थन करता हूं। मुख्यमंत्री जी हमेशा जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सीट बंटवारे का फैसला केवल समय आने पर स्पष्ट होगा।
तेज प्रताप यादव और परिवार के मुद्दे पर टिप्पणी
उपेंद्र कुशवाहा ने तेज प्रताप यादव के पोस्टर जारी करने को लेकर कहा कि यह परिवार का मामला है और इसमें टिप्पणी करना उचित नहीं है। उनका कहना था कि हर राजनीतिक और व्यक्तिगत मामला अलग है और इसे व्यक्तिगत रूप से न जोड़ा जाए।
एनडीए की ताकत और जनता पर असर
कुशवाहा ने जोर दिया कि एनडीए ने बिहार में वास्तविक काम किए हैं। चाहे महिलाओं के लिए योजनाएं हों या पिछड़े वर्गों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने के प्रयास, जनता इसे देख रही है। वहीं, महागठबंधन के नेताओं की घोषणाएं और रैलियां केवल प्रचार तक सीमित हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि एनडीए की मजबूत उपस्थिति और सरकार की उपलब्धियां ही चुनावी परिणाम तय करेंगी। उन्होंने यह विश्वास जताया कि एनडीए बिहार में पूर्ण बहुमत के साथ जीत हासिल करेगा और फिर से सरकार बनाएगा।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अब बस कुछ ही हफ्ते बचे हैं। उपेंद्र कुशवाहा के बयान ने महागठबंधन और एनडीए के बीच की राजनीतिक टकराहट को और स्पष्ट कर दिया है। उनका कहना है कि बिहार की जनता घोषणाओं से नहीं बल्कि काम और विकास से प्रभावित होती है, और इसीलिए एनडीए को फिर से सत्ता में लाने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
इस तरह उपेंद्र कुशवाहा ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार की राजनीति में एनडीए की ताकत अभी भी मजबूत है और महागठबंधन सिर्फ चुनावी घोषणाओं तक ही सीमित रहेगा।