बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा ने मचाई हलचल
पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा ने हलचल पैदा कर दी है। पिछले दो दिनों से चर्चा थी कि एनडीए के घटक दलों में सीट शेयरिंग का फार्मूला फाइनल हो गया है। लेकिन RLM प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने इन सभी खबरों की हवा निकाल दी और स्पष्ट किया कि अब तक कोई सीट बंटवारा नहीं हुआ है।
कुशवाहा पटना से दिल्ली रवाना हुए और पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा:
“लगातार दो दिनों से जो चर्चा चल रही है कि एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है, यह सूचना पूरी तरह से निराधार है। अब तक सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं हो सका है।”
इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर से रोमांचक ट्विस्ट आ गया है।

दिल्ली यात्रा और आगामी बैठक
उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली की यात्रा के दौरान सीटों के बंटवारे को लेकर हो रही बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं। बैठक के बाद ही एनडीए में सीटों के बंटवारे का ऐलान किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने RLM प्रमुख को 6 सीटें देने की पेशकश की है। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा इससे अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं। दिल्ली रवाना होते समय उन्होंने इस मांग के बारे में कोई खुलासा नहीं किया और पत्रकारों के नाराजगी वाले सवाल पर चुप्पी साध ली।
कुशवाहा ने कहा:
“वे लोग इस स्थिति से अपने अर्थ निकाल सकते हैं।”
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राजनीतिक विश्लेषकों की राय और संभावित असर
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा का यह बयान एनडीए में संतुलन बनाए रखने की चुनौती को और बढ़ा सकता है। चर्चा यह है कि भाजपा अब अपने सहयोगी दलों के सिपाहियों को संतुलित करने और सीटों के बंटवारे में समझौता करने के लिए रणनीति तैयार कर रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि RLM प्रमुख की यह मांग और उनके स्पष्ट बयान बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को और रोमांचक और अनिश्चित बना देगा। इससे यह भी संकेत मिलता है कि एनडीए के भीतर राजनीतिक चालबाज़ी और गठबंधन की मजबूती पर लगातार निगाह रखी जा रही है।
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बिहार की राजनीति में ट्विस्ट
उपेंद्र कुशवाहा का यह ताजा बयान दर्शाता है कि बिहार की राजनीतिक सरगर्मी अभी खत्म नहीं हुई है। सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर खुलासा न होने से न केवल गठबंधन में असंतुलन की संभावना बढ़ गई है, बल्कि यह चुनावी रणनीतियों और गठबंधन की जटिलताओं को भी उजागर करता है।
अब देखना यह होगा कि भाजपा अपने सहयोगी दलों को कैसे संतुलित करती है और कौन सा दल किस सीट पर कितना प्रभाव डालता है। उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को और रोमांचक और आकर्षक बना दिया है।
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