सिर्फ़ 10 दिन दूर है सत्ता का फैसला
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का नतीजा अब सिर्फ़ 10 दिन दूर है। जैसे-जैसे चुनावी घड़ी नज़दीक आ रही है, सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। पहले चरण का मतदान पूरा हो चुका है और अब सबकी नज़रें 11 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण पर टिकी हैं। इसी बीच IANS–Matrize ओपिनियन पोल ने बिहार की राजनीति में नई हलचल मचा दी है। सर्वे के मुताबिक, सत्तारूढ़ NDA मज़बूत बढ़त पर दिखाई दे रहा है—और इसके केंद्र में हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
63% मतदाता बोले—मोदी के नाम पर वोट देंगे

ओपिनियन पोल के आंकड़े साफ़ संकेत देते हैं कि मोदी मैजिक अब भी बिहार में असरदार है।
सर्वे के मुताबिक:
• 63% लोग ने कहा कि वे पीएम मोदी के नाम पर वोट देंगे,
• जबकि 19% मतदाताओं का मानना है कि मोदी फैक्टर का कोई असर नहीं,
• 8% ने कहा कि “थोड़ा असर” है,
• और 9% मतदाता अभी भी अनिर्णय की स्थिति में हैं।
यह सर्वे 10 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच हुआ, जिसमें 73,287 लोगों की राय ली गई। इस विशाल सैंपल साइज से यह साफ़ झलकता है कि बिहार में मोदी की लोकप्रियता निर्णायक भूमिका निभा सकती है—खासकर उन सीटों पर, जहां मुकाबला कांटे का है।
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नीतीश कुमार बने जनता की पहली पसंद
मुख्यमंत्री पद की पसंद के सवाल पर ओपिनियन पोल ने एक और बड़ा खुलासा किया है।
• 46% लोग ने नीतीश कुमार को दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहा।
• वहीं तेजस्वी यादव सिर्फ़ 15% मतदाताओं की पसंद बने।
यह अंतर दिखाता है कि महागठबंधन के लिए राह कठिन है। जनता अब भी स्थिरता और विकास के नाम पर NDA के साथ खड़ी नज़र आ रही है। नीतीश कुमार का शासन अनुभव और मोदी का नेतृत्व—दोनों ही बिहार में NDA के पक्ष में हवा बना रहे हैं।
चुनाव के दो चरणों में 2,616 उम्मीदवार मैदान में
बिहार की 243 सीटों पर विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।
• पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान पूरा हो चुका है,
• जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोटिंग होगी।
कुल मिलाकर 2,616 उम्मीदवार इस बार मैदान में हैं। यह चुनाव न केवल सत्ता परिवर्तन की लड़ाई है, बल्कि बिहार के भविष्य की दिशा तय करने वाला जनादेश भी है।
मोदी का हमला: ‘जंगलराज’ की वापसी नहीं होने देंगे
चुनावी प्रचार के आखिरी दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर सीधा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता तय कर चुकी है कि NDA इस बार पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ेगा। मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा,
“बिहार में ‘जंगलराज’ वापस नहीं आने देंगे।”
उन्होंने कांग्रेस और RJD पर निशाना साधते हुए दोनों नेताओं को “राजकुमार” बताया जो सिर्फ़ दिखावे की राजनीति कर रहे हैं। मोदी के इस बयान ने चुनावी हवा में नया ताप भर दिया है, और NDA कार्यकर्ताओं में उत्साह चरम पर पहुंच गया है।
महागठबंधन के लिए चुनौती आसान नहीं
जहां NDA मोदी और नीतीश के नेतृत्व में एकजुट दिखाई दे रहा है, वहीं महागठबंधन के भीतर असंतोष और रणनीतिक भ्रम दिखने लगा है। तेजस्वी यादव की लोकप्रियता में कमी और कांग्रेस के कमजोर जनाधार ने RJD की स्थिति को और जटिल बना दिया है।
ओपिनियन पोल के मुताबिक, बिहार में विपक्षी गठबंधन के लिए गांव-गांव तक पहुंच बनाना मुश्किल साबित हो रहा है।
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महिला वोट और जातीय समीकरण बनेंगे निर्णायक
बिहार की राजनीति में हमेशा की तरह महिला मतदाता और जातीय समीकरण बड़ा फैक्टर हैं। मोदी सरकार की योजनाओं—उज्जवला, आवास, जल-जीवन मिशन—ने महिलाओं के बीच NDA की पकड़ मज़बूत की है। ओपिनियन पोल में भी महिला मतदाताओं का रुझान NDA के पक्ष में अधिक दिखा।
मोदी फैक्टर बनेगा निर्णायक — जनता ने मन बना लिया है
IANS–Matrize का ओपिनियन पोल यह संकेत दे रहा है कि बिहार में मोदी फैक्टर निर्णायक भूमिका निभाने जा रहा है। जनता की भावना स्पष्ट है—“विकास चाहिए, अस्थिरता नहीं।”
हालांकि असली फैसला 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही सामने आएगा, लेकिन अभी की हवा NDA की ओर बहती दिख रही है।
ओपिनियन पोल ने बिहार की राजनीति का रुख साफ़ कर दिया है।
• 63% लोग मोदी फैक्टर से प्रभावित,
• 46% नीतीश कुमार को पसंद करते हैं,
• और NDA बढ़त पर है।
अब देखना यह है कि 14 नवंबर को आने वाला नतीजा क्या सच में इस ओपिनियन पोल की भविष्यवाणी को सही ठहराता है या बिहार फिर कोई नया मोड़ देखेगा।
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