बिहार के शिक्षा-व्यवस्था में लगातार बदलाव करने की कोशिश जारी है। इसी बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को लगातार तरह-तरह के निर्देश भी दे रहे हैं। कई बार खुद स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए एस सिद्धार्थ निकल जाते हैं। इसी क्रम में बेहतर शिक्षा-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए एक और बड़ा निर्देश जारी कर दिया गया है। यह ऑर्डर बिहार के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए है।
दरअसल अब स्थानीय राजनीति में शामिल होने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। इतना ही नहीं बल्कि कई बार ऐसी खबर भी आती है कि शिक्षक हाजिरी बनाकर गायब हो जाते हैं तो ऐसे में इन पर भी कार्रवाई होगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। इसके जरिए डीईओ से कहा गया कि ऐसे शिक्षकों को चिह्नित कर विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित करें।
जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया कि शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार (28 अप्रैल, 2025) को गुप्त सूचना के आधार पर कुछ स्कूलों का औचक निरीक्षण कराया. शिकायत मिली थी कि कुछ शिक्षक जो स्कूल के नजदीक रहते हैं वे हाजिरी बनाने के बाद विद्यालय छोड़ कर चले जाते हैं. इतना ही नहीं कुछ शिक्षकों के स्थानीय राजनीति में शामिल की भी शिकायत मिली।
ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई शिक्षक उपस्थिति दर्ज कर विद्यालय से लापता होते हैं तो यह धोखाधड़ी का मामला बनता है। कुछ विद्यालयों में स्थानीय शिक्षक वहां की राजनीति में भी लिप्त पाए गए हैं। अपर मुख्य सचिव ने डीईओ से ऐसे शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
शिक्षा विभाग के इस आदेश से शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। हालांकि जो शिक्षक नियमित स्कूल जा रहे हैं और अपने कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं उन्हें इस आदेश से बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। लापरवाह और राजनीति करने वालों के लिए बड़ा आदेश जरूर है।
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