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लाइव बिहार: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती की मौत के बाद उसे इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की सबसे चर्चित मशहूर वकील सीमा समृद्धि ने ली है. हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है. मिली जानकारी के मुताबिक, सीमा अब हाथरस दुष्कर्म कांड मामले में केस लड़ेंगी, वह भी बिना फीस लिए. इसके लिए वह शुक्रवार को हाथरस जाकर दुष्कर्म कांड के पीड़ित परिवार से भी मुलाकात करेंगी.

इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. जनहित याचिका में मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या एसआईटी से कराने की मांग की गई है. याचिका में जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड न्यायाधीश से कराने की मांग भी की गई है.
जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सत्यम दुबे, अधिवक्ता विशाल ठाकरे और रुद्र प्रताप यादव ने दायर की है. चिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से निष्पक्ष जांच के लिए उचित आदेश पारित करने का आग्रह किया है और साथ ही अपील की है कि या तो इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए या एसआईटी द्वारा इसकी जांच हो.

बता दें कि सीमा समृद्धि ने निर्भया केस भी लड़ा था और अंत में चारों दरिंदों (मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा) को 20 मार्च को फांसी दिलाई थी. यह सच है कि दिल्ली के निर्भया कांड में सीमा समृद्धि के प्रयासों के चलते ही चारों दोषियों को फांसी मिल सकी था, ऐसे में यदि वो इस मामले को हाथ में लेती हैं, तो हाथरस पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी.

बताया जा रहा है कि सीमा समृद्धि बिना कोई फीस लिए हाथरस दुष्कर्म कांड मामले का केस लड़ेंगी. यह भी जानकारी मिली है कि निर्भया की मां की वकील सीमा कुशवाहा बृहस्पतिवार को हाथरस जाएंगी. हाथरस की बेटी के परिवारजनों से मुलाकात करेंगी और मनीषा को इंसाफ़ दिलाने के लिए सीमा कुशवाहा ने हाथरस केस लड़ने की इच्छा जताई है.

14 सितंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वहीं, परिवार वालों का आरोप है कि दरिंदों ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी और उसकी जीभ भी काट दी थी. दुष्कर्म पीड़िता ने मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.

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